एयरपोर्ट के विस्तार के लिये भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की टीम ने देखी जमीन, केन्द्रीय मंत्री देखेंगे

ग्वालियर. हवाई अड्डे के विस्तार पर गुरूवार की शाम को संयुक्त चर्चा हुई और इसमें तय हुआ है कि आलू अनुसंधान केन्द्र की उन्नत 110 एकड़ जमीन के बदले आसपास की दूसरी जमीन का कुछ हिस्सा भी ले ली जाये ताकि बीज उत्पादन पर असर नहीं आये। इससे पहले भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद दिल्ली से आये अधिकारियों ने आलू अनुसंधान केन्द्र का दौरा किया। इन्होंने वह जमीन देखी जो हवाई अड्डे के विस्तार के लिये मांगी जा रही है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद दिल्ली की टीम ने गुरूवार की सुबह आलू अनुसंधान केन्द्र पहुंची। उन्होंने केन्द्र के अधिकारियों से बात भी की। चूंकि सुबह मुख्यमंत्री की ट्रांजिट विजिट थी। इसलिये इस बीच राजस्व अधिकारी मौजूद नहीं रहें। शाम को कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में एयरपोर्ट, अनुसंधान परिषद व राजस्व विभाग की संयुक्त बैठक कलेक्ट्रैट में होनी थी पर कलेक्टर शामिल नहीं हो सके। शाम को फिर सीएम की वापिसी की वजह से कलेक्टर उनकी विदाई के लिये हवाई अड्डे पर रवाना हो गये थे।

यह बैठक जिला पंचायत सीईओ किशोर कन्याल की मौजूदगी में हुई। इसमें अनुसंधान परिषद के अधिकारियों ने अपनी परेशानी बताई जिस पर एयरपोर्ट अधिकारियों ने फिर से होमवर्क का भरोसा दिया । अगले दो-तीन दिन में केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर भी हवाई अड्डा विस्तार के लिये दी जाने वाली जमीन का मौका देख सकते हैं। जिला पंचायत सीईओ कन्याल ने बताया कि बहुत सारे मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हो चुकी है। जमीन की डिमांड रीडिजाइन करने पर दोनों पक्ष सहमत हैं। पीएचई ने भी सड़क के दूसरी और अनुसंधान की जमीन को पानी देने पर सहमति दी हैं।

संयुक्त बैठक- जमीन का कुछ हिस्सा बदलने पर सहमति

एयरपोर्ट विस्तार के लिए 110 एकड़ जमीन चाहिए। परिषद के अफसरों ने कहा अभी जिस जमीन को मांगा जा रहा है वह उन्नत किस्म की है। उसे बेहतर बनाने में कई साल लगे हैं। बेहतर होगा कि कुछ जमीन दूसरे हिस्से से ले ली जाए। बैठक में बताया गया कि ग्वालियर में आलू का सबसे अच्छा बीज तैयार होता है।एयरपोर्ट अफसरों ने उन्नत जमीन का कुछ हिस्सा छोड़ने पर सहमति दी। तय हुआ कि अब एक बार फिर किस क्षेत्र से कितनी जमीन लेनी है, इस पर होमवर्क होगा। परिषद के अफसरों ने कहा कि सड़क के दूसरी और भी 100 एकड़ जमीन है पर पानी नहीं है। पीएचई के अफसरों ने कहा वहांं हमारा ट्रीटमेंट प्लांट है, हम एक एमएलडी पानी दे सकते हैं।