परंपरागत खेती के स्थान पर किसानों को अधिक आय वाली फसलों के लिए प्रेरित करें -कृषि उत्पादन आयुक्त

पशु पालन, डेयरी व मत्स्य उत्पादन को आय का अतिरिक्त नहीं प्रमुख साधन बनाएं
ग्वालियर – प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक वर्णवाल ने कहा है कि किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए परंपरागत कृषि को हाई वेल्यू क्रोप(अधिक आय वाली फसल) में शिफ्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को इस प्रकार की फसलें अपनाने के लिए प्रेरित करें। श्री वर्णवाल शुक्रवार को ग्वालियर में आयोजित हुई संभागीय समीक्षा बैठक में रबी वर्ष 2024-25 में हुए उत्पादन एवं खरीफ कार्यक्रम 2025 की तैयारी की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने दो चरणों में यह समीक्षा की। पहले चरण में कृषि , उद्यानिकी व सहकारिता और दोपहर बाद हुए दूसरे चरण में पशु पालन व डेयरी एवं मत्स्य उत्पादन की समीक्षा की। उन्होंने जोर देकर कहा कि पशु पालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन को आय का अतिरिक्त जरिया न समझे। इसे पूर्ण आर्थिक गतिविधि के रूप में लें, जिससे किसानों की आय में बड़ा इजाफा हो।
ग्वालियर एवं चंबल संभाग की यह समीक्षा बैठक बाल भवन के सभागार में आयोजित हुई। बैठक में अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी श्री अनुपम राजन, अपर मुख्य सचिव पशुपालन उमाकांत उमराव, सचिव पशुपालन एवं डेयरी श्री सत्येन्द्र सिंह ,संचालक कृषि अजय गुप्ता, आयुक्त सहकारिता मनोज पुष्प, व अन्य विभागों के संचालकगण, संभागीय आयुक्त मनोज खत्री एवं ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान सहित ग्वालियर-चंबल संभाग के जिला कलेक्टर, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और कृषि, सहकारिता, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य, डेयरी एवं अन्य संबंधित विभागों के संभाग व जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक वर्णवाल ने सभी जिला कलेक्टरों से कहा कि वे अपने-अपने जिले में किसानों को परंपरागत खेती के स्थान पर ऐसी फसलें लेने के लिए प्रेरित करें जिसका बाजार में अधिक मूल्य मिल रहा है। इससे किसानों कि आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और किसानों को बेहतर बाजार भी उपलब्ध होगा। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को आधुनिक तकनीक के साथ-साथ कृषि के क्षेत्र में उपयोग मे लाए जा रही मशीनरी के लाभों से भी अवगत कराया जाए।