कोच्चि के बाद देश के इस शहर में चलेगी वाटर मेट्रो

मुंबई. कोच्चि के बाद देश दूसरे शहर मुंबई में वाटर मेट्रो चलाने की तैयारी की जा रही है. इसे वैकल्पिक ट्रांससपोर्ट के साधन के रूप में विकसित किया जा रहा है. इससे लोगों को आफिस आने जाने में जाम में फंसने से छुटकारा मिलेगा. सोमवार को कोच्चि वॉटर मेट्रो के सलाहकारों ने इस प्रोजेक्ट का प्रस्ताव पेश किया. इसमें मुंबई क्षेत्र में 29 टर्मिनल बनाने और 10 रूट शुरू करने का सुझाव दिया गया है, इस प्रोजेक्ट में जेटी टर्मिनलों पर यात्रियों के लिए सुविधाएं, वोट की खरीद और अन्य जरूरी सुविधाएं शामिल होंगी.
महाराष्ट्र के मत्स्य पालन और बंदरगाह मंत्री नितेश राणे ने कहा, “वॉटर मेट्रो मुंबई के लिए एक महत्वपूर्ण परिवहन विकल्प है. इसका काम जल्द से जल्द शुरू होना चाहिए.” उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य, महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड (MMB), तीन महीने के भीतर इस प्रोजेक्ट का पूरा प्लान जमा करे. इस परियोजना का अनुमानित बजट 2,500 करोड़ रुपये है. यह प्रोजेक्ट मुंबई में यात्रा का समय कम करेगी और ट्रेनों, बसों व सड़क यातायात की भीड़ को कम करने में मदद करेगी.
राणे ने कहा कि जेटी और मेट्रो टर्मिनल को जमीन पर बने मेट्रो स्टेशनों की तरह विकसित करना चाहिए. इन्हें अन्य परिवहन साधनों जैसे बस और लोकल ट्रेनों के साथ जोड़ा जाना चाहिए, ताकि यात्रियों को आसानी हो. इस परियोजना की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने का काम कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड को दिया गया था. उन्होंने मंत्रालय में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.
राणे ने मुंबई में जल परिवहन की संभावनाओं पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि बांद्रा, वर्ली, वर्सोवा, दक्षिण मुंबई और नवी मुंबई जैसे क्षेत्रों में वॉटर मेट्रो के लिए बहुत अवसर हैं. “रूट चुनते समय उन मार्गों को प्राथमिकता दी जाए, जहां ज्यादा यात्री हों और अधिक फायदा हो. टिकट की कीमतें भी ऐसी रखी जाएं जो आम लोगों के लिए सस्ता हो.” उन्होंने यह भी बताया कि वॉटर मेट्रो उत्तर मुंबई से दक्षिण मुंबई और नवी मुंबई से दक्षिण मुंबई की यात्रा के लिए एक अच्छा विकल्प होगा. यह परियोजना न केवल यात्रा को आसान बनाएगी, बल्कि मुंबई की यातायात समस्या को कम करने में भी मदद करेगी. यह मुंबईवासियों के लिए एक आधुनिक, सस्ता और तेज परिवहन साधन साबित होगी.