क्रेटा की कीमत में मिलेगी टेस्ला, एलन मस्क का प्लान रेडी, ₹13 लाख तक गिर जाएगी कीमत

नई दिल्ली. एलन मस्क भारत में टेस्ला की सबसे सस्ती कार उतारने के लिए छोटी बैटरी बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं. इलेक्ट्रिक कार में सबसे महंगी चीज बैटरी ही होती है और अगर इसका दाम कम कर दिया जाए तो गाड़ी काफी सस्ती की जा सकती है. मिंट की एक खबर के अनुसार, टेस्ला ने छोटी बैटरी बनाने की अपनी मंशा भारत सरकार के साथ साझा की है. कंपनी ने कहा है कि वह इस पर चीन में पहले से काम कर रही है.

हालांकि, छोटी बैटरी के साथ एक समस्या यह है कि इससे बहुत लंबी दूरी का सफर तय नहीं किया जा सकता है. इसके लिए देशभर में बैटरी चार्जिंग स्टेशंस का जाल बिछाना होगा. उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भारत में बैटरी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या करीब 9300 है. इसे किसी दूसरे की तुलना में देखा जाए तो अमेरिका के पास 1,38,000 के आसपास वाहन चार्जिंग स्टेशन हैं.
छोटी बैटरी के साथ परेशानी
छोटी बैटरी में एनर्जी स्टोरेज कम होगी और इसलिए कार एक बार के चार्ज में कम दूरी चल पाएगी. मसलन, टेस्ला की मॉडल-3 के बेस वेरिएंट में 57.5 किलोवॉट-आवर बैटरी लगी है. एक बार फुल चार्ज होने पर यह कार 435 किलोमीटर तक चल सकती है. आपको बता दें कि यह टेस्ला की सबसे सस्ती कार है जिसकी कीमत 40,000 डॉलर है जो भारतीय रुपये में 33 लाख रुपये होगा.
कितनी कम हो जाएगी कीमत?
अगर बैटरी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाकर बैटरी का साइज छोटा कर दिया जाए तो कार की कीमत में काफी हद तक घटाई जा सकती है. मिंट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर बैटरी का साइज घटा दिया जाता है तो टेस्ला भारत में 20 लाख रुपये तक की कार लॉन्च कर सकती है. इस कीमत पर भारत में क्रेटा और एक्सयूवी 700 जैसी कारें बिकती हैं.

क्यों सही है छोटी बैटरी वाली कार?
जानकारों का मानना है कि डेली यूज के लिए छोटी कैपिसिटी वाली बैटरी एकदम सही होगी. वह मानते हैं कि कोई शख्स हर दिन कार को 400-500 किलोमीटर लेकर नहीं चलता है. भारत में फास्ट चार्जिंग स्टेशन हैं लेकिन इनकी संख्या काफी कम है. फास्ट चार्जिंग स्टेशन पर देश की सबसे पॉपुलर इलेक्ट्रिक कार टाटा नेक्सॉन 1 घंटे के अंदर 20 से 80 फीसदी तक चार्ज हो जाती है. इतने में यह कार 200 किलोमीटर तक चल जाती है. वहीं, टेस्ला दावा करता है कि उसकी फास्ट चार्जिंग 15 मिनट में 230 किलोमीटर की रेंज देती है.

भारत में टेस्ला कब?
भारत में टेस्ला की एंट्री को लेकर काफी समय से चर्चाएं चल रही हैं. टेस्ला सीईओ एलन मस्क ने पिछले साल जून में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. इसके बाद टेस्ला की भारत में एंट्री की सुगबुगाहट और तेज हो गई. इस संबंध भारत सरकार और टेस्ला के बीच उच्च अधिकारी स्तर पर बातचीत भी हो रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, टेस्ला भारतमें 2 अरब डॉलर या 16000 करोड़ रुपये अधिक का निवेश करना चाह रही है. हालांकि, कंपनी की एक शर्त है कि उसे पहले 2 साल के लिए इम्पोर्टेड कारों पर ड्यूटी में छूट दी जाए और केवल 15 फीसदी ही ड्यूटी वसूली जाए. गौरतलब है कि अभी यह आयातित इलेक्ट्रिक कारों पर 70-100 फीसदी है.