10 सालों तक पुलिस के लिए बना रहा पहेली, इस दांव ने पलट दी एक दशक पुरानी बाजी

IGI Airport Police: एक शख्‍स दस सालों तक दिल्‍ली पुलिस के लिए पहेली बना रहा. बीते दस सालों में आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस की तरफ से की गई हर हरकत पर यह शख्‍स भारी पड़ा. करीब एक दशक के बाद इंदिरा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय (आईजीआई) एयरपोर्ट पुलिस की तरफ से एक बार फिर नई और ईमानदार कोशिश शुरू की गई. इस बार पुलिस ने एक ऐसा दांव खेला कि दस सालों तक पुलिस के लिए पहेली बना यह शख्‍स एक ही दांव में चित्‍त हो गया. 

दरअसल, इस मामले की शुरूआत होती है पंजाब के कपूरथला से. कपूरथला के नंगल लुभान गांव में रहने वाला हरदीप सिंह बेहतर जिंदगी के लिए विदेश जाना चाहता था. इसी बीच, हरदीप सिंह की मुलाकात बंटी नाम के शख्‍स से हुई और बंटी 18 लाख रुपए के एवज में उसे विदेश भेजने का भरोसा दे दिया. पेशगी के तौर पर दो लाख रुपए दिए गए और बदले में हरदीप को वीजा लगा पासपोर्ट पकड़ा दिया गया. एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन जांच के दौरान हैती का वीजा फर्जी पाया गया. 

वहीं, दो लाख रुपए खर्च करने के बाद हरदीप यूएई तो नहीं पहुंचा, लेकिन सलाखों के पीछे जरूर पहुंच गया. हरदीप के कबूलनामे के आधार पर बंटी नामक एजेंट की तलाश शुरू की गई. आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस की तरफ 2014 से बंटी की शुरू हुई तलाश 2024 तक अधूरी ही रही. वहीं, 2024 में आईजीआई एयरपोर्ट की तरफ से एक नई शुरूआत की गई और भोलेभाले लोगों को विदेश भेजने का सब्‍जबाग दिखाकर ठगने वालों को सलाखों के भेजना शुरू किया गया. 

क्‍या पुलिस की गिरफ्त में आया एजेंट बंटी?
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस की डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, आरोपी एजेंट बंटी की तलाश के लिए एसएचओ इंस्‍पेक्‍टर विजेंद्र राणा के नेतृत्‍व में एक टीम का गठन किया गया, जिसमें इंस्पेक्टर मोहित यादव के साथ-साथ एसआई सुधीर जून, एएसआई दीनदयाल, हेडकॉन्‍स्‍टेबल बंटी भी शामिल थे. आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस की ईमानदार कोशिशें रंग लाईं और बंटी उर्फ लजार को जालंधर (पंजाब) के फोलरिवाल गांव से गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया गया.  

पूछताछ में बंटी ने किए कई नए खुलासे
डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, आरोपी एजेंट बंटी ने पूछताछ में बताया कि वह कुछ ऐसे एजेंटों के संपर्क में था, जो लोगों को विदेश भेजने का सब्‍जबाग दिखाकर धोखा देते थे. रुपयों के लालच में उसने उनके साथ काम करना शुरू कर दिया और भोले-भाले यात्रियों को धोखा देना शुरू कर दिया. उसने खुलासा किया कि हरदीप सिंह ने उनसे संपर्क किया और आजीविका के लिए विदेश भेजने की बात कही थी. इसके बाद, उसने अपने सहयोगियों की मदद से विदेश भेजने का प्रबंध किया था.
कबूनामें में हरदीप को लेकर किया खुलासा
डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, आरोपी एजेंट बंटी ने पूछताछ में खुलासा किया कि हरदीप सिंह के साथ 18 लाख रुपए में सौदा तय हुआ. दो लाख रुपए एडवांस में लेने के बाद उन्‍होंने नकली वीजा के साथ पासपोर्ट पकड़ा दिया गया. बंटी से मिले धोखे के बाद हरदीप का क्‍या हुआ, जानने के लिए