चंबल सेंचुरी से रेत का अवैध उत्खनन, परिवहन पर पुख्ता रोकथाम हो

अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर अंकुश लगाने के लिये इन्टर स्टेट की बैठक हर माह आयोजित हो
उत्तरप्रदेश, राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के बॉर्डर पर सीसीटीव्ही कैमरे से निगरानी की जाये
मुरैना -चंबल सेंचुरी से रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर पुख्ता रोकथाम होना चाहिये। रेत खनिज के परिवहन पर अंकुश लगाने के लिये इन्टर स्टेट की बैठक हर माह आयोजित हो। चंबल सेंचुरी की रेत का परिवहन राजस्थान, उत्तरप्रदेश में नहीं हो, इसके लिये मध्यप्रदेश की सीमा पर सीसीटीव्ही कैमरे से निगरानी की जाये। चंबल क्षेत्र में भी सीसीटीव्ही कैमरे लगाये जायें, ड्रोन से चेकिंग हो। लगातार पैट्रॉलिंग होती रहे।
यह निर्णय शुक्रवार को देवरी घड़ियाल में राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिवों को दिये गये निर्देशों के संदर्भ में आयोजित बैठक में लिये गये। प्रधान वन मुख्य संरक्षक एवं वन बल प्रमुख रमेश चन्द्र गुप्ता, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी मध्यप्रदेश भोपाल के जेएस चौहान, स्पेशल डीजीपी जीपी सिंह, ग्वालियर-चंबल संभाग के कमिश्नर दीपक सिंह, चंबल रेन्ज के पुलिस महानिरीक्षक सुशांत सक्सेना, कलेक्टर अंकित अस्थाना, पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी, चीफ कन्जरवेटर उत्तम शर्मा, डीएफओ मुरैना स्वरूप दीक्षित, श्योपुर पुलिस अधीक्षक आलोक सिंह, खनिज अधिकारी एसके निर्मल, आरटीओ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक को संबोधित करते हुये प्रधान वन मुख्य संरक्षक ने राष्ट्रीय हरित अभिकरण के प्रकरण के संदर्भ में बताते हुये कहा कि मध्यप्रदेश में अवैध रेत उत्खनन का चंबल सेंचुरी केन्द्र मुरैना माना गया है। इसलिये मध्यप्रदेश राजस्थान, उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिवों के परामर्श से आपसी सहमति से संयुक्त बैठक ऑनलाइन या ऑफलाइन आयोजित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव मध्यप्रदेश सभी के लिये नोडल एजेन्सी होगे, अन्य मुख्य सचिवों के साथ समन्वयकर मामले में विश्वनीय कार्य योजना तैयार करने के उद्देश्य से आज यहां उपस्थित हुये है।