कमलाराजा के चिल्ड्रन वार्ड में एक बेड पर भर्ती थे 3-3 बच्चे देख भड़क गए विधायक पाठक, सीधे लगाया चिकित्सा शिक्षा मंत्री को फोन जताई नाराजगी

ग्वालियर. दक्षिण विधानसभा से कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक को उस समय गुस्सा आ गया जब कमलाराजा हॉस्पिटल के शिशु वार्ड में एक बेड पर तीन-तीन बच्चे भर्ती थे। किसी-किसी बेड पर तो 4 तक बच्चे भर्ती थे। वार्ड में कुल 85 बच्चे भर्ती थे। यह देखकर उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। इसके बाद उन्होंने जेएएचअधीक्षक से कड़े शब्दों में सवाल जवाब किए। इतना ही नहीं सीधे चिकित्सा शिक्षा मंत्री को फोन कर नाराजगी जाहिर की। इतना नहीं विधायक ने जब अस्पताल के आसपास देखा तो उन्हें भारी मात्रा में कचरा और गंदगी दिखाई दी। अस्पताल के हालत और जिम्मेदारों की लापरवाही देखकर विधायक का पारा और चढ़ गया। उन्होंने अस्पताल अधीक्षक से लेकर सफाई व्यवस्था संभाल रही कंपनी के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई है। इसके साथ ही विधायक प्रवीण पाठक ने कहा कि यहां के हालात बताते हैं कि सरकार संक्रामक बीमारियों को लेकर कितनी गंभीर और सजग है। उन्होंने सवाल किया कि यदि प्रदेश की सरकार जनहितैषी सरकार है तो उसे गरीब बच्चों के इलाज की पर्याप्त व्यवस्था तो करनी ही चाहिए।

ग्वालियर में अभी कोरोना की आफत अभी टली भी नहीं है कि संभावित तीसरी लहर से पहले वायरल और डेंगू ने स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है। जिले में वायरल और डेंगू से करीब 600 से ज्यादा बच्चे पीड़ित हैं। इस समय कमलाराजा में 35 बेड के चिल्ड्रन वार्ड में 85 मरीज भर्ती हैं। हालत यह है कि एक बेड पर तीन तो किसी-किसी बेड पर चार और पांच बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। सोमवार को ग्वालियर दक्षिण विधानसभा से कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने कमलाराजा का औचक निरीक्षण किया। जब विधायक पाठक वहां पहुंचे तो एक बेड पर तीन तो कहीं चार बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा था। इतना ही नहीं मरीजों के परिजन ने वहां लापरवाही की जो कहानी सुनाई इस पर विधायक का गुस्सा भड़क गया।

जिम्मेदारों को बुलाकर लगाई फटकार

विधायक ने कमलाराजा के इंचार्ज और जेएएच अधीक्षक सहित जयारोग्य अस्पताल समूह के अधीक्षक डॉ आरकेएस धाकड़ और अन्य जिम्मेदार लोगों को वहां बुलवा लिया। उन्होंने वार्ड के हालात दिखाते हुए सवाल किया कि आखिर मरीज के ट्रीटमेंट का प्रोटोकॉल क्या है, बच्चों की देखभाल के लिए यहां ना तो नर्सिंग स्टाफ हैं ना डॉक्टर्स। विधायक ने जब वेंटिलेटर के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि 9 वेंटिलेटर में से 5 चालू हैं और 4 ख़राब हैं। ये सुनकर विधायक ने जिम्मेदारों को खरी खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि आपके पास स्टाफ की कमी है संसाधन की कमी है मुझे बताइये। कहीं लेटर लिखा है तो मुझे दीजिये मैं मुख्यमंत्री, सिंधिया, चिकित्सा शिक्षा मंत्री से बात करूंगा। लेकिन अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं करूंगा।