भिंड में दीपवाली पर 10 टन हर रोज मिलावटी मावा हो रहा तैयार, त्योहार पर 6 करोड़ का कारोबार, मुंबई व दिल्ली में सप्लाई

भिंड. अब चंबल की बीहड़ों में मावा के काले कारोबर ने पैर जमा लिए हैं। भिंड में हर रोज करीब 10 टन मिलावटी मावा तैयार हो रहा है। एक अनुमान मुताबिक दीपावली सीजन पर यहां के मावा कारोबारी 6 करोड़ का व्यापार करते हैं। यहां तैयार मिलावटी मावा की सप्लाई दक्षिण भारत में महाराष्ट्र प्रांत के नागपुर, पूणे से लेकर मुंबई तक में है। वहीं उत्तर भारत में दिल्ली, आगरा, मथुरा जैसे शहरों में हो रहा है। भिंड जिले में वैध व अवैध मावा की फैक्टरी 100 से अधिक है। गांव-गांव में दीपावली सीजन पर मिलावट खोर दूधियाओं से दूध ले रहे है फिर दूध से क्रीम अर्थात वसा को निकालते है। इसके बाद मावा तैयार करते है। मावा में चिकनई यानी वसा की भरपूर मात्रा बनाए रखने के लिए वानस्पतिक घी, रिफाइंड, स्टार्च, आलू समेत अन्य केमिकल को मिलाते है। मावा से वसा निकाले जाने के बाद गुणवत्ता में गिरावट आती है। परंतु, ग्राहक के बीच साख बनाए जाने के लिए मिलावट खोरी की जा रही है। इस तरह से सीधे तौर पर ग्राहकों से धोखा हो रहा हैं। केमिकलों के उपयोग से सीधे तौर पर स्वास्थ्य प्रभावित होता है।

कहां-कहां तैयार होता

यह मावा का काला कारोबार भिंड जिले के गाेरमी, बरोही, पावई, फूप, अटेर, सुरपुरा, लहार, दबोह, मिहोना, आलमपुर थाना क्षेत्र के छोटे-बड़े गांव में तैयार किया जाता है। करीब 40 से 50 गांव में मावा के कारोबारी है। इस कारोबार में करीब 1500 से अधिक लोग जुड़े हुए है।