ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर दिखावे की सैंपलिंग, यात्री बिना जांच के घुस रहे हैं

ग्वालियर. दीपावली के चलते बस-ट्रेनों में यात्रियों की संख्या बढ़ गई है। रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडों और बाजारों में भीड़ हो रही है। रेलवे स्टेशन पर सुबह 11 से शाम चार बजे के बीच हो रही सैंपलिंग दिखावटी है, क्योंकि सुबह और रात में आने वाले यात्री बिना जांच के ही शहर में दाखिल हो रहे हैं। जांच इसलिए भी दिखावटी है। सिर्फ जीभ पर स्टिक रखकर स्वाब लिया जा रहा है।

भोपाल, इंदौर के अलावा देश के कुछ हिस्सों संक्रमितों की संख्या बढ़ने से शहर पर भी खतरा मंडरा रहा है। त्योहार के चलते लोग एक जगह से दूसरी जगह पहुंच रहे हैं। यात्रियों के इस सफर में संक्रमण भी सर्कुलेट हो रहा है। 35 दिन बाद दो रोज पहले शहर में दो कोरोना संक्रमितों का मिलना इसी का परिणाम माना जा रहा है। यह हमारे लिए अलार्म है कि समय रहते सचेत नहीं हुए तो तीसरी लहर की आशंका सही साबित हो सकती है। बस स्टैंड पर बाहर से आने वाले यात्रियों की जांच नहीं की जाती है। रेलवे स्टेशन पर सुबह और रात में जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है। सुबह के समय भोपाल, इंदौर की ओर से आने वाली केरला, मंगला, इंदौर इंटरसिटी ट्रेनें आती हैं, जबकि दिल्ली की ओर से शताब्दी, मंगला, पंजाब मेल और छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से यात्री ग्वालियर स्टेशन पर उतरते और चढ़ते हैं। रात में भी दर्जनों ट्रेनों का स्टापेज है।

स्वास्थ्य आयुक्त भी इसे गलत बता चुके

स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा कोरोना जांच के लिए की जा रही यात्रियों की सैंपलिंग कठघरे में है। रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर टीम के कई सदस्य यात्रियों के गले या नाक से स्वाब नहीं ले रहे, बल्कि जीभ पर स्टिक रखकर खानापूर्ति कर रहे हैं। जब स्वाब ही ठीक से नहीं जाएगा तो जांच में संक्रमण कैसे पकड़ में आएगा। खुद स्वास्थ्य आयुक्त भी इसे गलत बता चुके हैं।