उमा भारती बोलीं- सिंधिया खुद सीएम नहीं बनना चाहते, ये मेहनत तो वो शिवराज के लिए कर रहे

कांग्रेस द्वारा सिंधिया पर लगाए पद के लालच के आरोप के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने करैरा की आमसभा में कहा कि एक बात तय है कि वो (ज्योतिरादित्य) स्वयं मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते। उन्होंने कोई शर्त नहीं रखी है कि मुझे मुख्यमंत्री बनना है। कोरोना से ठीक होकर जब वो मेरे पास आए। मैंने कुछ दिन और आराम करने को कहा तो उन्होंने कहा कि मुझे बहुत काम करना है। ये मेहनत तो वो शिवराज को मुख्यमंत्री बनाए रखने के लिए कर रहे हैं।

उमा भारती ने आगे कहा कि जब शिवराज सिंह मुख्यमंत्री नहीं थे। यहां कांग्रेस की सरकार थी। कमलनाथ मिस्टर इंडिया थे। अगर आपने मिस्टर इंडिया देखी हो बहुत पहले, उसमें हीरो दिखाई नहीं देता था। वो हीराे तो दिखता नहीं था। हमारे मुख्यमंत्री कमलनाथजी भी मिस्टर इंडिया थे। वो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दिखते नहीं थे। दिखने का काम ज्योतिरादित्य सिंधिया का था। इस दौरान सबसे ज्यादा किसी को याद आई तो मुख्यमंत्री शिवराजसिंह की आई। जैसे हमारे घर के आंगन से उठकर चला गया क्योंकि मैने बहुत तपस्या से सरकार चलाई और उन्होंने उसी तपस्या से चलाई।

सिंधिया बोले- कमलनाथ को वोट की याद आई... दर दर भटक रहे हैं

सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस की विनाशकारी सरकार स्थापित हुई। ग्वालियर-चंबल संभाग ने प्रचंड बहुत दिया। अगर वाे प्रचंड बहुत नहीं मिलता तो शायद 2018 में कमलनाथ मुख्यमंत्री ना होते, शिवराज सिंह ही होते। 2018 में कांग्रेस की सरकार स्थापित हुई और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने। मैंने सोचा था कि करैरा का विकास होगा और प्रगति होगी। वल्लभ भवन को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाया।

ग्वालियर चंबल संभाग में ओलावृष्टि हुई, बाढ़ आई, लेकिन पंद्रह महीने एक भी जगह नहीं गए। बल्लभ भवन में बैठक कर नोट गिनते रहे। जब भ्रष्टाचार की सरकार को उखाड़कर मैंने धूल चटाने का काम किया। तब कमलनाथ को वोट की याद आई और आज उड़नखटोले से दर दर भटक रहे हैं। उनको महिला, नौजवनों की चिंता नहीं, केवल उन्हें अपनी कुर्सी की चिंता है।

अमीरी-गरीबी की खाई पाटने को ही रामराज्य की संज्ञा दी: उमा

उमा भारती ने वर्तमान हालातों पर कहा कि हमारी सरकार में मुख्यमंत्री तो यही कहते हैं कि वो सेवक हैं और हमारा प्रधानमंत्री कहता है कि मैं प्रधान सेवक हूं लेकिन हमारी देश की जो व्यवस्था हैं वो गरीब आदमी के पक्ष में नहीं हैं। आज थाने में जाइए, एफआईआर लिखाने में कठिनाई होती है। पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकारी अस्पताल और देश की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। उन्होंने अमीरी-गरीबी की खाई पाटने को ही रामराज्य की संज्ञा दी।

वहीं सभा में सांसद सिंधिया ने कहा कि दिग्विजय व कमलनाथ काे छोटे भाई-बड़े भाई की जोड़ी बताते हुए उमा भारती की तरफ इशारा कर कहा कि एक भाई को इन्होंने भेज दिया। जब दूसरे भाई ने वही लक्षण दिखाए, ये अतिश्योक्ति नहीं कि जब अन्याय होगा तो बुआ जो करेगी, भतीजे को भी वही करना होगा। जो सरकार वादा खिलाफी करती है। किसानों का ऋण माफ नहीं किया, कन्यादान योजना बंद कर दी और नौजवानों को बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया। मैं कहता हूं कि इस प्रदेश में अगर कोई गद्दार है तो सबसे बड़े गद्दार कमलनाथ-दिग्विजय सिंह जी हैं।