ग्वालियर में 9 पूर्व सरपंच जाएंगे जेल, न काम हुआ न रुपए लौटाए

पंचायत चुनाव के बीच जिला पंचायत सीईओ ने 9 पूर्व सरपंच के वारंट जारी किए है। इन लोगों ने सरकारी धन विभिन्न कामों के लिए स्वीकृत कराया और उसे निकाल लिया पर न तो काम हुआ और न ही धन राशि सरकारी कोष में वापस जमा कराई गई। नोटिस देकर जवाब तलब किया गया तो कोई संतोष जनक जवाब नहीं दिया जा रहा है। यही कारण है कि शासकीय धनराशि निकालने के बाद उसका निर्माण कार्य पूर्ण कराने में उपयोग न कर शासकीय धन का दुरूपयोग करने वाले 9 ग्राम पंचायतों के पूर्व सरपंच जेल जाएंगे। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं विहित प्राधिकारी आशीष तिवारी ने पंचायत राज अधिनियम की धारा-92 के तहत आदेश जारी कर इन पूर्व सरपंचों को अभिरक्षा में लेकर 30 दिन के लिये जेल में रखने के निर्देश अधीक्षक केन्द्रीय कारागार को दिए हैं।

सरपंचों ने न काम कराए न राशि सरकारी कोष में वापस जमा कराई

जिला पंचायत कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार काफी समय से निगरानी की जा रही थी कि जिला पंचायत के माध्यम किन-किन पूर्व सरपंच ने शासकीय धनराशि विकास कार्यो के लिए स्वीकृत कराई और विकास कार्य नहीं कराए। किसी ने स्कूल तो किसी ने सड़क के लिए यह राशि निकाली थी। इन 9 पूर्व सरपंचों ने न तो काम कराए न ही राशि सरकारी कोष में वापस जमा कराई। ग्राम पंचायतों के इन पूर्व 9 सरपंचों द्वारा विभिन्न शासकीय योजनाओं के तहत जारी की गई धनराशि का लगातार दुरूपयोग किया गया। इन प्रकरणों में अधिनियम की धारा 89 अंतर्गत प्राप्त जांच प्रतिवेदन अनुसार ये सभी दोषी साबित हुए। इस कारण विचार उपरांत अंतिम आदेश पारित कर 15 दिन में रकम शासकीय कोष में जमा करने के लिए आदेशित किया गया था, किंतु इन पूर्व सरपंचों द्वारा राशि जमा नहीं कराई गई। इसके बाद विहित प्राधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ग्वालियर न्यायालय ने वारंट जारी कर दिए हैं।