धुएं और आग के बीच देवदूत बनकर घुसे चार पुलिसकर्मी, ICU में 10 से अधिक जिंदगियां बचाई

जयपुर. आग की लपटें, धुएं का गुबार और चीख-पुकार के बीच सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार देर रात एक ऐसी त्रासदी घटी, जहां मौत ने आठ जिंदगियों को लील लिया. लेकिन इस बीच कुछ ऐसे ‘अननोन हीरोज’ उभरे, जिनकी बहादुरी ने न सिर्फ दर्जनों मरीजों और परिजनों की जान बचाई, बल्कि मानवता की मिसाल भी कायम की. SMS थाना पुलिस के कांस्टेबल वेदवीर सिंह, हरि मोहन, ललित और हरिओम जैसे जांबाजों ने भीषण आग के बीच जान की परवाह किए बिना ICU में कूदकर 10 से ज्यादा लोगों को बाहर निकाला. खुद धुएं से बेहोश होकर गिर पड़े, लेकिन उनके साहस ने रात के अंधेरे को रोशनी की किरण बना दिया.
बता दें कि ट्रॉमा सेंटर की दूसरी मंजिल पर शॉर्ट सर्किट से लगी आग ने ICU को निगल लिया था. गंभीर मरीजों के वेंटिलेटरों से निकलती चिंगारियां और धुएं की जहरीली परत ने सबकुछ धुंधला कर दिया. इसी भयावह मंजर के बीच सबसे पहले हरिओम ने हिम्मत दिखाई. SMS थाने पर तैनात चश्मदीद कांस्टेबल हरिओम ICU के नजदीक गश्त पर थे, रात के करीब 11 बजे जब आग की भनक लगी. अचानक एक जोरदार चिंगारी निकली, और फिर धुआं फैल गया. मरीजों की कमजोर सांसें और परिजनों की चीखें सुनकर दिल कांप गया. हरिओम बिना कुछ सोचे-समझे सीधा ICU में घुस गए. हाथ से कांच तोड़े, बेड खींचे, जो आ गया उसे कंधे पर लादकर बाहर लाया. धुआं आंखों में घुस गया, सांस रुकने लगी, लेकिन रूकना नामुमकिन था. कम से कम 5-6 मरीजों को उन्होंने खुद निकाला.