तत्काल टिकट-सिम कार्ड से लेकर तत्काल टिकट तक के लिये ऑथेंटिकेशन है जरूरी

नई दिल्ली. आधार नम्बर ज्यादातर भारतीयों के लिये जारी कर दिया गया है। इसका मतलब है कि आधार कार्ड होल्डर्स के लिये एक अलग से यूनिक आईडेंटी नम्बर जारी किया जा चुका है। इस आईडी की मदद से उस भारतीय शख्स की पहचाना आसान है। इसी का लाभ उठाते हुए कई सरकारी विभाग और बैंक आधार ऑथेंटिकेशन का लाभ उठा रहे हैं।
डुप्लीकेसी और अन्य फर्जीवाड़े से बचाव के लिये कई सरकारी विभाग, बैंक और यहां तक की टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां भी अब आधार ऑथेंटिकेशन के माध्यम सिम कार्ड जारी करती है। यहां तक कि अव नये नियम के तहत रेलवे का तत्काल टिकट कराने के लिये भी आईआरसीटीसी अकाउंट को आधार नम्बर से वेरीफाई करना होगा और इसके लिये 1 जुलाई से नया नियम लागू होने वाला है।
अब सवाल आता है कि आधार ऑथेंटिकेशन क्या है
दरअसल, में आधार नम्बर जारी करने वाली भारत सरकार की अथॉरिटी भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की ओर से हर एक शख्स के आधार नम्बर के साथ डेमोग्राफिक इंफोर्मेशन (जिसमें नाम, डेट ऑफ बर्थ आदि) या बायोमेट्रिक्स इंफोर्मेशन (फिंगर प्रिंट या आयरिश) को सीआईडीआर में सब्मिट किया जाता है। जो यूआईडीएआई की यूनिट है।
ऐसे काम करता ऑथेंटिकेशन का पूरा प्रोसस
आधार ऑथेंटिकेशन सिस्टम को डिटेलस् में बताते हैं। इसमें एक ऑथेंटिकेशन एजेंसी या फिर सर्विस प्रोवाइडर होत हैं। जो ऑथेंटिकेशन रिक्वेंट को इनिशिएट करते है। इसमें शख्स का आधार नम्बर और उससे संबंधित डेटा को सब्मिट किया जाता है। जिसमें डेमोग्रफिक्स डेटा सब्मिट करना होता है। रिक्वेंस्ट यूआईडीएआई की डीआईडीआर के पास जाता है।
आधार ऑथेंटिकेशन के कई तरीके
आधार ऑथेंटिकेशन के 2-3 तरीके हैं। इसमें आप फेस ऑथेंटिकेशन, फिंगर प्रिंट स्कैनर और ओटीपी ऑथेंटिकेशन शामिल है। जहां बायोमेट्रिक प्रोसेस में यूजर्स को फिंगर या फेस को स्कैन कराना होता है। वहीं ओटीपी के जरिये भी ऑथेंटिकेट कर सकते हैं। जिसमें आधार कार्ड होल्डर्स के रजिस्टर्ड नम्बर पर ओटीपी जाता है।
आधार वेरीफिकेशन के लाभ
आधार ऑथेंटिकेशन, एक इंस्टेंट मैकेनिज्म है और वह आपकी आईडेंटी को ऑनलाइन तरीके से साबित करता है। इसके लिये आपको सिर्फ आधार नम्बर को लेकर आना होता है। उसके अलावा किसी अन्य डॉक्टूमेंट्स की आवश्यकता नहीं होती है।