7वाँ श्रीमंत माधव राव सिंधिया धरोहर फैस्ट भवाई की प्रस्तुति से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ

ग्वालियर,सिंधिया कन्या विद्यालय में सातवाँ माधवराव सिंधिया धरोहर फैस्ट के द्वितीय दिवस का विद्यालय सभागार में भव्य शुभारम्भ हुआ। इस वर्ष इस उत्सव की थीम गुजरात धरोहर थी। इस फैस्ट में विभिन्न विद्यालयों से लगभग 250 छात्र- छात्राओं ने भाग लिया। इसमें मेजबान विद्यालय सिंधिया कन्या विद्यालय सहित 15 विद्यालय क्रमशः बिरला पब्लिक स्कूल, पिलानी, दिल्ली पब्लिक स्कूल, पठानकोट, हैरिटेज गर्ल्स स्कूल, उदयपुर, महारानी गायत्री देवी गर्ल्स स्कूल, जयपुर, मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल, अजमेर, राजकुमार कॉलेज, राजकोट, राजमाता कृष्णा कुमारी गर्ल्स पब्लिक स्कूल, जोधपुर, स्टेपिंग स्टोन्स हाई स्कूल, औरंगाबाद, सनबीम स्कूल, लहरतारा, सनबीम स्कूल, मुगलसराय, सनबीम स्कूल, वरुणा, संस्कार वैली स्कूल, भोपाल, सिंधिया स्कूल, ग्वालियर, विद्या देवी जिंदल स्कूल, हिसार उपस्थित थे। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में श्री उमंग हटीसिंह उपस्थित थे। समस्त कार्यक्रम विद्यालय प्राचार्या श्रीमती निशी मिश्रा की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
सिंधिया कन्या विद्यालय सभागार में 10:30 बजे प्रथम प्रतियोगिता भवाई की प्रस्तुति से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। भवाई प्रतियोगिता में प्रत्येक विद्यालय से 8-8 प्रतिभागियों ने भाग लिया। यह गुजरात का एक लोकप्रिय लोक नाट्य रूप है। भवाई, लोक रंगमंच का एक जीवंत और गतिशील रूप है, जो संगीत, नृत्य और नाटक का एक अनूठा मिश्रण प्रदर्शित करता है। सिंधिया कन्या विद्यालय की छात्राओं ने भवाई लोक नाट्य में पाँचों पांडव के अज्ञातवास को दर्शाकर कीचक वध दिखाया तथा दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सिंधिया कन्या विद्यालय से गौरी बर्मन, सुहावी दलमोत्रा, मनस्वी मुद्गल, आद्या जैन, सताक्षी अग्रवाल, वनिशा रुद्राणी पाठक, हिमांशी चमड़िया, दित्या रूंगटा, संस्कार वैली स्कूल, भोपाल के प्रतिभागियों क्रमशः सिंजा कुमार, नाम्या गुप्ता, देव कत्याल, तीर्थ शर्मा, उन्नति गुप्ता, दीया चंद्रकांत, स्वस्ति रघुवंशी, अनार्घ्य अमित जैन ने ‘अहिरावण वध’ का प्रदर्शन किया, स्टेपिंग स्टोन्स हाई स्कूल के प्रतिभागियों क्रमशः अरुंधति देशमुख, सनाया गायके, सुबीर रामचंदानी, शांग्रीला थरेवाल, प्रीतल पाटिल, तहनियात नबी ने ‘सीता हरण और रावण वध’ का प्रदर्शन किया, राजकुमार कॉलेज, राजकोट ने ‘महिषासुर मर्दन’ प्रस्तुत किया तथा विद्या देवी जिंदल स्कूल, हिसार ने ‘माँ काली की कथा’ दिखाई आदि।