श्री अष्टमहालक्ष्मी और हनुमान मंदिर जौरासी में 20 मार्च से 5 मेवाओं का प्रसाद चढ़ेगा, धूप और अगरबत्ती परिसर में लगेगी

ग्वालियर. शहर के विकास के लिये वास्तुदोष समाप्त करने के लिये श्री अष्टमहालक्ष्मी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 7 मार्च को आचार्य अवधेशानंद गिरी के कर कमलों से की गयी थी। 7 से 12 मार्च के बीच मंदिर में दर्शन करने के लिये आये श्रद्धालुओं ने मंदिर के गर्भगृह में धूपबत्ती और प्रसाद चढ़ाने के दौरान श्री अष्टमहालक्ष्मी की प्रतिमा के पीछे प्रसाद दीवार से चिपका दिया, जिससे मंदिर की छत को कांच से सजाया गया है जिसमें धूपबत्ती के धुंए से कांचयुक्त छत खराब हो रही है।
इससे ट्रस्ट हनुमान मंदिर जौरासी की कार्यकारिणी की बैठक में मंदिर के आसपास प्रसाद की प्रसादविक्रेताओं को बुलाकर कहा गया है कि आपके पास जो प्रसाद है उसे 20 मार्च तक विक्रय कर लें निर्णय लिया है। 20 मार्च के बाद मंदिर में काजू, किशमिश बादाम, छुआरे और खुले नरियल का प्रसाद चढ़ाया जायेगा।
ट्रस्ट हनुमान मंदिर जौरासी की कार्यकारिणी की बैठक में अध्यक्ष सुरेश चतुर्वेदी, उपाध्यक्ष एसएस तोमर, सचिव प्रेमसिंह भदौरिया, सहसचिव केशव सिंह, कोषाध्यक्ष अशोक भार्गव, सदस्य आरएन पटवर्धन, ओपी त्रिपाठी और कमलकिशोर सिंहल मौजूद रहें।