स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी ने विश्व-कल्याण के लिए पूरा जीवन समर्पित किया : मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को नरसिंहपुर जिले के परमहंसी गंगा आश्रम झौंतेश्वर पहुँचे। उन्होंने ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी की समाधि पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण कर पादुका पूजन किया। साथ ही द्वारका- शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती एवं बद्रिकाश्रम ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को माला पहना कर वस्त्र पट्टिका ओढ़ाई।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने यहाँ राजराजेश्वरी माँ त्रिपुरसुंदरी के दर्शन और पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख- समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। उन्होंने मंदिर में परिक्रमा भी लगाई।

स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी ज्ञान, भक्ति एवं कर्म त्रिवेणी के संगम

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी ज्ञान, भक्ति एवं कर्म की त्रिवेणी के संगम थे। उन्हें अल्पायु में ही वेद-वेदांगों, उपनिषदों एवं सनातन धर्म के सार का ज्ञान था। वे ज्ञान मार्गी भक्त और क्रांतिकारी कर्मयोगी थे। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भी भाग लिया। उन्हें क्रांतिकारी संत के रूप में जाना जाता है। उन्होंने जेल की यातनाऍ सहीं। स्वामी जी विश्व कल्याण के साथ ही गरीब, दलित, शोषित एवं पीड़ितों के कल्याण के लिए सदैव काम करते रहे। स्वामी जी में दीन-दुखियों के प्रति करूणा का भाव सदैव रहा। उन्होंने आत्मा के मोक्ष और जगत कल्याण के लिए कार्य किया। उनकी तपस्या एवं साधना ने इस क्षेत्र को ऊर्जा स्थल बनाया है। वे निरंतर जन-जन के कल्याण में लगे रहे और सेवा के अनेक प्रकल्प प्रारंभ किये।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पूज्य शंकराचार्य जी ने समान नागरिक संहिता, अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर निर्माण और गौ-रक्षा जैसे विषयों पर हमेशा देश को जगाने का काम किया। उनके चेहरे का तेज और उनकी वाणी का ओज उनके ब्रह्मलीन होने के बाद भी सदैव दिखाई देता है। मुख्यमंत्री ने उनके चरणों में प्रणाम करते हुए कहा कि पूज्य शंकराचार्य जी महाराज ने धर्म की जय, अधर्म के नाश, प्राणियों में सद्भावना और विश्व के कल्याण के लिए पूरा जीवन समर्पित किया। स्वामी जी ने झारखंड में विश्व कल्याण आश्रम हो या अलग-अलग राज्यों में जनजातियों के कल्याण के लिए भी काम किया। चिकित्सालय, विद्यालय, संस्कृत पाठशाला सहित अनेक सेवा कार्यों में भी वे सदैव सक्रिय रहे।

केंद्रीय जल शक्ति, खाद्य प्र-संस्करण एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री प्रहलाद पटेल, केंद्रीय इस्पात एवं ग्रामीण राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रदेश के गृह, जेल, संसदीय कार्य, विधि विधायी कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और खजुराहो सांसद श्री वी.डी. शर्मा ने स्वामी स्वरूपानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पादुका पूजन किया। राज्यसभा सांसद श्री कैलाश सोनी, विधायक श्री जालम सिंह पटेल, श्री अभिलाष मिश्रा ने भी स्वामी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।