चलती बस में ड्राइवर को पड़ा दौरा, फिर महिला यात्री ने थामा स्टीयरिंग; पढ़ें आम नारी की वीरता की कहानी

पुणे. यात्रियों को मंजिल तक पहुंचाने वाला वाहन चालक अगर अचानक बीमार हो जाए, तो क्या होगा? इस सवाल का जवाब महाराष्ट्र (Maharashtra) की एक महिला की तरफ से लिए गए साहसिक फैसले में मिलता है. यहां एक महिला ने सवारियों से भरी हुई बस को न केवल सावधानी औऱ समझधारी से दौड़ाया, बल्कि बीमार ड्राइवर को भी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई. अब इस मामले को विस्तार से समझते हैं-

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मामला 8 जनवरी का है. वाघोली की रहने वाली महिलाएं मोराची चिंचोली में पिकनिक के लिए गईं थी. दिन भर पिकनिक का मजा लेने के बाद जब सभी लोगों ने वापसी की तैयारी की और बस के जरिए घर का रास्ता तय करना शुरू किया. खबर है कि थोड़ी ही दूर बस चलाने के बाद 40 वर्षीय ड्राइवर में दौरे के लक्षण नजर आने लगे. पिकनिक की आयोजक महिला ने ड्राइवर को देखा और बस रोकने के लिए कहा.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, बस रुकते ही ड्राइवर को दौरा पड़ गया. चालक की इस हालत को देखकर सभी महिलाएं हैरान रह गईं, लेकिन इनमें से एक महिला ने कमान संभाली और जीवन में पहली बार बस का स्टीयरिंग व्हील थामा. महिला का नाम योगिता साटव बताया जा रहा है. दरअसल, ड्राइवर को इलाज की जरूरत थी और साटव कार चलाना जानती हैं. ऐसे में उन्होंने बहादुरी से सफर तय करना शुरू किया औऱ 10 किमी दूर तक गानेगांव खालसा पहुंचे.

इस दौरान ड्राइवर को दो बार दौरा पड़ चुका था. गानेगांव खालसा में बस चालक को शुरुआती उपचार मिला. हालांकि, बाद में एक अन्य ड्राइवर मौके पर पहुंचा और बस को शिकारपुर अस्पताल ले जाया गया. इसके बाद महिलाओं को सुरक्षित वाघोली छोड़ा गया.