इंडियन मुजाहिदीन की बिहार पर नापाक नजर, सीमांचल इलाके में एक्टिव हुआ 40 स्लीपर सेल

पटना. इंडियन मुजाहिदीन यानी आतंक का वो नाम जिसने बिहार समेत देश के विभिन्न राज्यों में अपनी नापाक धमक विगत कई वर्षो में दर्ज करवाई है. पटना के गांधी मैदान सीरियल बम धमाके (Patna Serial Blast) से लेकर जयपुर, मुंबई और बनारस में विस्फोट की वारदात को अंजाम तक पहुंचाने वाले इंडियन मुजाहिदीन (Indian Mujahideen) की नजर एक बार फिर से बिहार के सीमावर्ती इलाके में है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बिहार को अपना सेफ जोन मानने वाले आतंकी संगठन IM बिहार के सीमावर्ती इलाकों में अपना पैठ दुबारा से स्थापित कर रहा है.

आईएम दरभंगा और मधुबनी जिले से आने वाले एक खास समुदाय के 40 भटके हुए युवाओं को स्लीपर सेल के तौर पर इस्तेमाल भी कर रहा है. इस बात की जानकारी केंद्रीय गृह विभाग ने बिहार पुलिस मुख्यालय से साझा की है, साथ ही इस इनपुट के तह तक जाकर उचित कार्रवाई करने को कहा है. इधर केंद्रीय गृह विभाग से मिली सूचना को सत्यापित करने का काम बिहार पुलिस ने शुरू भी कर दिया है. इस बात को बिहार के DGP संजीव कुमार सिंघल भी दबी जुबान से स्वीकारते हैं और कहते हैं कि बिहार पुलिस दिन रात ऐसी गतिविधियों पर पैनी नजर रखे हुए हुए है.

बिहार के डीजीपी ने कहा कि सूचना संकलन करने से लेकर ऐसे लोगों की तलाश भी तेज कर दी गई है जो IM के लिये काम कर रहे हैं ताकि आतंकी संगठन अपने नापाक मंसूबों में कामयाब ना हो सकें. बिहार पुलिस में लंबे समय तक बतौर DG काम कर चुके पूर्व IPS अधिकारी एस के भारद्वाज भी कहते हैं कि एक खास समुदाय के लोगों को खासकर सीमांचल इलाके से को टारगेट करते हुए आतंकी इस फिराक में रहते हैं कि कैसे वो गतिविधियों को और मजबूत कर सके.

सुरक्षा मामलों के जानकार और BSF के पूर्व अधिकारी ललन सिंह का भी कहना है कि बिहार इंडियन मुजाहिदीन के लिये हमेशा से सेफ कॉरिडोर रहा है और इसका इस्तेमाल भी IM के लोग पूर्व के वर्षो में लगातार करते आ रहे थे. इसका सबसे बड़ा उदाहरण दरभंगा मॉड्यूल था. चुकी NIA ने बीते साल में दरभंगा मॉड्यूल को खत्म कर दिया मगर IM के कई स्लीपर सेल्स अभी भी बचे हुए थे जिन्हें शायद एक बार फिर से एक्टिव कर इंडियन मुजाहिदीन अपने नापाक मंसूबे को अंजाम तक पहुंचाने की फिराक में है.

गौरतलब है कि विगत वर्षों में बिहार के सीमवर्ती इलाके जिसमें से खास तौर पर दरभंगा जिला शामिल है इंडियन मुजाहिदीन के लिये सेफ जोन रहा है. इस जिले में रहते हुए यासीन भटकल ने अपने साथियों के साथ पटना और बोधगया समेत देश के कई राज्यों में बड़े आतंकी साजिश को अंजाम तक पहुंचाने में ना सिर्फ कामयाबी हासिल की थी बल्कि यहां के भटके युवाओं को स्लीपर सेल के लिए लेकर उनका इस्तेमाल अपने संगठन के लिये खूब किया.

ऐसे में अब इस बात का सामने आना कि देश मे होने वाले पांच राज्यों के चुनाव के दौरान इंडियन मुजाहिदीन अपनी धमक एक बार फिर से दर्ज करा सकता है देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर बेहद गंभीर मामला है. कहा तो यह भी जा रहा है कि UP चुनाव में बड़ा धमाका कर IM अपनी वापसी का एहसास देशवासियों को करवाना चाह रही है और इसकी पूरी प्लांनिग के तहत एक्शन भी कर रही है. यही वजह है कि जैसे ही इस बात की जानकारी केंद्रीय जांच एजेसियों को हुई इसकी पड़ताल का जिम्मा केंद्रीय गृह विभाग ने बिहार पुलिस को सौंप दिया.