ग्वालियर में एक दिन में 4 बच्चों को निकला कोरोना, कहीं यह तीसरी लहर की दस्तक तो नहीं

ग्वालियर में बच्चे घर से बाहर निकले भी नहीं और वह कोरोना संक्रमण के शिकार हो गए। एक दिन में 4 बच्चों को कोरोना होने की पुष्टि के बाद यहां दहशत फैल गई है। वैसे भी संभावित तीसरी लहर में बच्चों को ही सबसे ज्यादा खतरा बताया जा रहा है। कहीं यह बच्चों का संक्रमित होना तीसरी लहर की दस्तक तो नहीं है।यहां केस स्टडी में पता लगा है कि घर के सभी बड़े कोरोना टेस्ट में निगेटिव आए हैं। इसका मतलब साफ है कि बच्चों को संक्रमण अपने बड़ों से ही मिला है। 4 संक्रमित में से 3 के परिजन मजदूर हैं। अभी माना जा रहा है कि बाहर से घर लौटते समय इन्होंने मास्क और सैनिटाइजर का ख्याल नहीं रखा और बच्चे संक्रमित हो गए।

कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक मानी जा रही है। सोमवार को भितरवार ब्लॉक के रई में 14 महीने, मछरैया गांव की 8 महीने की बच्ची और मोहनगढ़ गांव की 6 माह एक बच्चा के साथ ही ग्वालियर शहर के हजीरा में एक 16 साल का नाबालिग कोरोना संक्रमित निकला है, जबकि दो मरीज डिस्चार्ज किए गए। शहर में कुल 2535 सैंपल की जांच की गई। संक्रमित मिलें बच्चों के परिजन के भी सैंपल हुए हैं जो निगेटिव आए हैं। 14 महीने की बच्ची को कमजोरी के कारण और 8 महीने की बच्ची को बुखार व दस्त लगने की शिकायत के कारण परिजन इलाज कराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भितरवार पहुंचे थे। यहां रेपिड एंटीजन टेस्ट में दोनों को कोरोना होने की पुष्टि हुई। इसके बाद स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा को इसकी जानकारी दी। सीएमएचओ ने जीआरएमसी के पीडियाट्रिक विभागाध्यक्ष डॉ. अजय गौड़ से चर्चा कर बच्चों को जयारोग्य चिकित्सालय के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सामने कोविड मरीजों के लिए बने टीबी अस्पताल में भर्ती के लिए बात की गई।

केस-1

भितरवार के रई गांव निवासी 14 महीने की बच्ची के मां-पिता मजदूरी करते हैं। बच्ची कमजोर है। बच्ची को खांसी और सर्दी होने पर परिजन उसे लेकर स्वास्थ्य केन्द्र पर पहुंचे थे। यहां डॉक्टर ने बच्ची का रेपिड एंटीजन टेस्ट किया तो बच्ची कोरोना संक्रमित निकली। इसके बाद उसके परिजन के भी टेस्ट किए गए, लेकिन वह संक्रमित नहीं निकले। बच्ची के मां-पिता ने वैक्सीन लगवाई है, इसलिए वह संक्रमण से बच गए। बच्ची की हालत अभी ठीक नहीं है।

केस-2

मछरैया गांव निवासी 8 महीने की बच्ची जो कोरोना संक्रमित निकली है वह 15 दिन से घर से बाहर नहीं गई। मां घर में रहती है और पिता बाहर मजदूरी करता है। इन्होंने वैक्सीन की एक-एक डोज लगवाई है, लेकिन बच्ची जब घर से बाहर नहीं निकली और न ही किसी शादी समारोह में गई तो वह संक्रमित कैसे हो गई। उसे दो दिन से उल्टी-दस्त हो रहे थे। जब हॉस्पिटल दिखाने पहुंचे तो डॉक्टर ने कोरोना टेस्ट किया। जिसमें वह संक्रमित निकली। पर बच्ची का कोई परिजन संक्रमित नहीं मिला है।

केस-3

शिवपुरी के नरवर निवासी 6 महीने का बच्चा यहां मोहनगढ़ में अपनी नानी के घर आया थ। यहां उसकी अचानक तबीयत खराब हुई तो उसे अस्पताल ले गए। यहां इलाज के साथ ही रेपिड एंटीजन टेस्ट कराया तो उसमें बच्चे को कोरोना निकला। इसके बाद उसे ग्वालियर भर्ती कराया गया है। बच्चे की मां, नाना-नानी और अन्य सदस्य की रिपोर्ट निगेटिव आई। यह बच्चा तो अपनी मां की गोद में ही रहा है।

केस-4

हजीरा में 16 साल का एक लड़का भी कोरोना पॉजिटिव निकला है। बच्चे के पिता एक प्राइवेट जॉब करते हैं और मां घर पर ही रहती थी। खांसी जुकाम की दवा लेने के लिए यह अस्पताल गया तो डॉक्टर ने पहले कोरोना टेस्ट किया। उसमें यह पॉजिटिव आया है। नाबालिग के मां-पिता वैक्सीन लगवा चुके हैं। नाबालिग अभी 18 साल का नहीं हुआ है इसलिए उसे वैक्सीन नहीं लगी है। वह दोस्तों के साथ बाहर खेलने गया था उसके बाद से तबीयत खराब हुई है।

सीरो सर्वे – भितरवार ब्लॉक से लिए 50 बच्चों के सैंपल

जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और गजराराजा मेडिकल कॉलेज का विभाग द्वारा सीरो सर्वे किया जा रहा है। इसके तहत जिले में 18 साल से कम उम्र के 400 बच्चों के सैंपल लिए गए हैं। इसमें से 50 सैंपल भितरवार ब्लॉक के हैं। बच्चों के लिए गए ब्लड सैंपल के माध्यम से न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबॉडी टेस्ट किया जाएगा। खास बात ये है कि जब बच्चों के लिए तीसरी लहर घातक है तो भी बच्चों के डॉक्टरों को सीरो सर्वे में शामिल नहीं किया गया है।