जेएएच अस्पताल में तीन माह में शुरू हाे सकती है आर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा

आधुनिक इलाज की दिशा में जयारोग्य अस्पताल (जेएएच) एक और कदम आगे बढ़ा रहा है। जल्द ही यहां आर्गन (लिवर-किडनी) ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू होगी। इसके लिए गजराराजा मेडिकल कालेज (जीआरएमसी) प्रबंधन तैयारियों में जुट गया है। ट्रांसप्लांट के लिए जांच से लेकर विशेषज्ञों की उपलब्धता की तैयारी की जा रही है। आर्गन ट्रांसप्लांट के लिए आर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (सोटो)वेबसाइट पर अगले सप्ताह आवेदन किया जाएगा, जिसके बाद भोपाल से टीम व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने अस्पताल आएगी। यदि सब ठीक रहा तो अगले तीन महीने में सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल में आर्गन ट्रांसप्लांट का काम शुरू कर दिया जाएगा। अभी इसके लिए मरीजों को इंदौर व दिल्ली जाना पड़ता है।

आर्गन ट्रांसप्लांट को लेकर सभी संसाधन उपलब्ध

सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल में आर्गन ट्रांसप्लांट को लेकर सभी संसाधन उपलब्ध हैं। ट्रांसप्लांट करने के लिए सीटी, एमआरआइ से लेकर अन्य अत्याधुनिक जिन मशीनों की आवश्यकता होती है वह सभी उपलब्ध हैं। इसके अलावा आर्गन के क्रास मैचिंग की जांच के लिए जेएएच की पैथालाजी व माइक्रोबायोलाजी विभाग तैयारी कर रहा है। हालांकि यह जांच बाहर भी कराई जा सकती है।

इथिकल कमेटी देती है अनुमति

लिवर व किडनी ट्रांसप्लांट के लिए मरीज व डोनर को आवेदन करना होगा। यह आवेदन जीआरएमसी की इथिकल कमेटी के पास पहुंचता है। कमेटी दोनों से सहमति लेने और आवेदक की रिपोर्ट देखने के बाद ट्रांसप्लांट की अनुमति देती है।इसके लिए सरकार ने स्टेट आर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (सोटो) का गठन किया है। इससे प्रदेश में अंग और ऊतक प्रत्यारोपण को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही अब प्रत्यारोपण से जुड़ी सारी जानकारी एक जगह से मिल सकेगी।