नवंबर में 7.58 थी संक्रमण दर, जो दिसंबर में घटकर 3.08 पर आई, एक्सपर्ट बोले-शहर में हर्ड इम्युनिटी जैसी स्थिति

शहर में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आती दिख रही है। सितंबर में रिकॉर्ड संक्रमित मिलने के बाद अक्टूबर में संक्रमण के केस काफी कम संख्या में मिले थे। हालांकि नवंबर में अंचल में हुए उपचुनाव और दीपावली के चलते बाजारों में जुटी भीड़ के चलते संक्रमण के मामलों में थोड़ी तेजी देखने को मिली।
विशेषज्ञों का मानना था कि दिसंबर में संक्रमण के मामले और तेजी से बढ़ेंगे क्योंकि एक तरफ शादी समारोह में लोग बड़ी संख्या में शामिल होंगे। ऐसे में लापरवाही बरतने का खामियाजा उठाना पड़ेगा, वहीं सर्दी के कारण भी वायरस का संक्रमण और आसानी से होगा।
काेराेना का इलाज करने वाले डाॅक्टराें का कहना है कि शहर में हर्ड इम्युनिटी जैसी स्थिति दिख रही है। वहीं कुछ एक्सपर्ट का यह भी मानना है कि कोरोना वायरस की तीव्रता भी कम हो गई है। इस कारण कम संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं।
पहले ही शहर की काफी आबादी हो चुकी है संक्रमित
अब तक शहर में काफी संख्या में लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। एक बार संक्रमित होने के बाद लगभग तीन माह तक फिर से संक्रमित होने की संभावना काफी कम रहती है। यही कारण है कि लोग कम संख्या में संक्रमित हो रहे हैं।
वायरस की तीव्रता कम हुई
सितंबर, अक्टूबर में काफी संख्या में लोगों की मौत हुई, लेकिन इसके बाद से लगातार मौत के मामले कम होते दिख रहे हैं। संभवत: कोरोना वायरस की तीव्रता कम हुई है। सुपरस्पेशलिटी हाॅस्पिटल में कुल 31 मरीज भर्ती हैं, उनमें से केवल एक मरीज वेंटीलेटर और 4 बाईपेप मशीन पर हैं।
सोशल डिस्टेंसिंग न होने के बाद भी घट रहे हैं मामले
शादी समारोह, बाजारों में भीड़भाड़ और मुंह से मास्क गायब। फिर भी संक्रमण के मामले कम होना। यह संकेत है कि लोगों में हर्ड इम्युनिटी बन गई है। हर्ड इम्युनिटी यानि 60 फीसदी से अधिक लोगों का संक्रमित हो जाना।