आठ महीने में 30 हजार लाेगों ने ली काेराेना बीमा पाॅलिसी, 2400 लोगों के इलाज पर खर्च हुए 36 करोड़

सिर्फ टैक्स बचाने का साधन समझी जाने वाली बीमा पॉलिसी को कोरोना संक्रमण ने परिवार के स्वास्थ्य की चिंता से जोड़ दिया है। बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोग न सिर्फ परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य के प्रति अधिक सजग होकर स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी ले रहे हैं। बल्कि कोरोना होने पर इन पॉलिसी से फायदा भी उठा रहे हैं। स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र के जानकारों के अनुसार अप्रैल से लेकर नवंबर तक शहर में करीब 30,000 लोग अलग-अलग स्वास्थ्य बीमा कंपनियों की कोरोना पॉलिसी ले चुके हैं।

इनमें से 2400 लोग ऐसे हैं जो कि करीब 36 करोड़ (इलाज खर्च औसतन 1.5 लाख रुपए) का कैशलेस और नॉन कैशलेस इलाज ले चुके हैं। स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के अधिकारियों के अनुसार मार्च तक ग्वालियर में अलग-अलग कंपनियों के करीब 66000 हजार स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी धारक थे, जो कि नवंबर तक आते-आते बढ़कर 2,50,000 तक पहुंच गए हैं। इनमें कोरोना के इलाज के लिए 30000 लोगों ने स्वास्थ्य बीमा करवाया है।

जीवन बीमा हाेने के बाद स्वास्थ्य बीमा अलग से ले रहे लाेग

स्वास्थ्य बीमा करने वाली कंपनी एसबीआई जनरल इंश्यारेंस के क्लस्टर हेड अभिषेक जैन ने बताया कि स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी एक साल के लिए होती है लेकिन एसबीआई जनरल इंश्योरेंस अधिकतम 3 साल के लिए भी बीमा दे रही है। एसबीआई जनरल इंश्योरेंस ने अब तक करीब 150 लोगों को क्लेम दे चुकी है, जो कि कैशलेस और नॉन कैशलेस हैं।
एलआईसी हेल्थ इंश्योरेंस के सहायक महाप्रबंधक राजेंद्र खाका ने बताया कि जीवन बीमा में भी स्वास्थ्य बीमा कवर होता है लेकिन अब लोग अकेली स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी भी रहे हैं। एलआईसी हेल्थ इंश्योरेंस ने अब तक 2500 लोगों को स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी दीं हैं। इनमें करीब 80 लोगों के नॉन कैशलेस क्लेम सैटल किए गए हैं।

ये कंपनियां कर रहीं आपके स्वास्थ्य का बीमा

जनरल इंश्योरेंस की 29 कंपनियां और स्वास्थ्य बीमा की पांच कंपनियों में स्टार हेल्थ, रेलिगेयर, अपोलो एचडीएफसी एर्गो, मैक्स बूपा और आदित्य बिरला को बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने स्वास्थ्य बीमा करने के लिए अधिकृत किया है। ग्वालियर में दस कंपनियां काम कर रही हैं।

कोरोना के इलाज के लिए 3 से 12 माह की पॉलिसी

भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने कोरोना के इलाज के लिए स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लाने के लिए कंपनियों को कहा था। अधिकांश सामान्य व स्वास्थ्य बीमा कंपनियां 3 से 12 माह की पॉलिसी ला चुकी हैं। अलग-अलग कंपनियां 3 माह के लिए 1 लाख के बीमा पर 400-600 रुपए तक प्रीमियम ले रही हैं।