खांसी और वायरल फीवर के 45 फीसदी मरीज बढ़े, विशेषज्ञों ने कहा- बरतें सावधानी

कोरोना के एक बार फिर बढ़ते संक्रमण के साथ ही मौसम में आए बदलाव के कारण खांसी, वायरल फीवर के मरीज 45 प्रतिशत बढ़ गए हैं। अस्पताल में आने वाले मरीजों में ज्यादातर मरीज खांसी और वायरल फीवर के है। एक से डेढ़ माह पहले खांसी और वायरल फीवर के 10 प्रतिशत मरीज आ रहे थे अब इनकी संख्या बढ़कर 45 फीसदी हो गई है। डेंगू और चिकनगुनिया के मरीज भी आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मौसम बच्चों और बुजुर्गों के साथ डायबिटीज के मरीजों के लिए ठीक नहीं है। लिहाजा इस मौसम में सर्दी से बचाव रखने के साथ मच्छरों को घर और उसके आसपास पनपने न दें।

जेएएच के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. अजय पाल सिंह का कहना है कि सर्दी, खांसी, जुकाम के मरीज 40-45 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। कोरोना और नॉन कोरोना के लक्षण मिलते- जुलते हैं। परंतु सांस लेने में तकलीफ, ऑक्सीजन का लेबल कम हो जाए और फेफड़े में निमोनिया जांच में आए तो कोरोना हो सकता है। वायरल फीवर में उक्त परेशानी नहीं होती है। इसलिए खांसी, जुकाम और बुखार होने पर विशेषज्ञ को दिखाएं। पीडियाट्रिक विभाग के प्रोफेसर डॉ. घनश्यामदास का कहना है कि इस मौसम में बच्चों को सर्दी, जुकाम, गले में खराश के साथ वायरल डायरिया की बीमारी बढ़ गई है। ठंडी चीजों से परहेज कराएं। डेढ़ माह में उक्त बीमारियों के 10% मरीज आते थे जो अब 30% से अधिक हो गए हैं। डेंगू के भी मरीज आ रहे हैं।

डॉक्टर की सलाह: नॉर्मल पानी पिएं, ताजा बना भोजन लें

जीआरएमसी के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रदीप प्रजापति ने बताया कि डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर मरीज की स्थिति ज्यादा गंभीर है, तो उसे अस्पताल में भर्ती करना चाहिए। दोनों ही रोगों में शरीर को तरल पदार्थों की ज्यादा जरूरत होती है इसलिए तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। नॉर्मल पानी पिएं ताजा बना भोजन लें। मिर्च मसाले, घी तेल चिकनाई का कम उपयोग करें।