ग्वालियर में कोरोना की चपेट आए 561 बच्चे

कोरोना से जहां पूरा देश भयभीत है वहीं ग्वालियर के बच्चों ने खेलते कूदते इस वायरस को मात दे दी है। ग्वालियर में तीसरी लहर के बीच 24 दिन में 561 बच्चे संक्रमित मिले। राहत की बात यह है कि इनमें से किसी को भी हॉस्पिटल में भर्ती नहीं करना पड़ा है। इनमें 50 प्रतिशत बच्चे 3 से 4 दिन में घर पर खेलते कूदते ही ठीक हो गए। वहीं कुछ होम आईसोलेशन में है पर उनको भी कोई परेशानी नहीं है। डॉक्टरों का कहना है कि राहत की बात यह है कि वायरस इस बार गले तक ही जा पा रहा है। गले में ही जाकर वायरस खत्म हो रहा है यदि यह गले से नीचे फेफड़ों पर असर डालता तो चिंता जनक हालत बन जाते पर ऐसा नहीं हो रहा है। इस कारण बच्चे जल्द कोरोना को मात दे रहे हैं।

24 दिन में 561 बच्चे संक्रमण की चपेट में आ चुके

ग्वालियर में कोरोना की तीसरी लहर को बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक माना जा रहा था, क्योंकि बच्चे 1 से 17 साल तक के बच्चों को वैक्सीन नहीं लगी थी। इस कारण बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सरकार, स्वास्थ्य विभाग व परिजन सभी चिंतित थे, लेकिन अभी तक 24 दिन में तीसरी लहर का जो ट्रेंड सामने आया है उसमें बच्चों ने कोरोना को मात दे दी है। 24 दिन में ग्वालियर में 1 से 17 साल के बीच के 561 बच्चे संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से ज्यादातर 10 से 17 साल के बीच के हैं। यह वह हैं जो बच्चों से किशोर अवस्था में आ चुके हैं या आ रहे हैं। छोटे-छोटे कामों और स्कूल, कोचिंग के लिए इनका बाहर जाना होता है। पर राहत की बात यह है कि एक भी बच्चे को हॉस्पिटल में भर्ती करने की नौबत अभी तक नहीं आई है।

75 प्रतिशत बच्चों को कोई लक्षण नहीं

ग्वालियर में तीसरी लहर में अभी तक 561 बच्चे संक्रमित हुए हैं, लेकिन बात करें लक्षण की तो यहां बच्चों को कोई भी लक्षण नहीं है। JAH (जयारोग्य अस्पताल), जिला अस्पताल मुरार, सिविल अस्पताल हजीरा व निजी अस्पतालों की OPD में 1 से 17 साल उम्र के बच्चे भी पहुंच रहे हैं। इनमें से 75 फीसदी को कोई लक्षण नहीं है, सिर्फ 25 प्रतिशत बच्चों को सर्दी,जुकाम, खांसी व बुखार के लक्षण हैं। ऐसे बच्चों को डॉक्टर घर में ही आइसोलेट करने की एडवाइज दे रहे हैं।