जेएएच अस्पताल में जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर, मरीज व उनके परिजन हो रहे परेशान, नहीं हो सकी जांच

एनईईटी, पीजी काउंसलिंग को लेकर जूनियर डॉक्टर (जूडा) ने सोमवार से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए। इस बार जूडा ने इमरजेंसी सेवाएं देने से भी इंकार कर दिया। ऐसे में जेएएच में आने वाले दूर दराज के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कई पेशेंट के परिजन मरीजों को स्ट्रेचर पर लेकर जांच के लिए एक बिल्डिंग से दूसरी बिल्डिंग में पहुंचे लेकिन जूनियर डॉक्टर न होने से जांच नहीं हो पाई। जूडा अध्यक्ष डॉ. श्रीकांत शर्मा ने कहा कि हड़ताल की जानकारी डीन जीआर मेडिकल कॉलेज को दे दी गई है। जूनियर डॉक्टर फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के समर्थन पर हड़ताल पर रहे।

मंत्री की पहल पर हड़ताल समाप्त कर दी थी

वर्ष 2021 की एनईईटी पीजी काउंसलिंग न होने को लेकर जूनियर डॉक्टरों की मांग थी कि एनईईटी पीजी की काउंसिलिंग की जाए जिससे नया बैच आ सके। इससे अस्पताल के कार्य में हाथ बंटा सके, लेकिन यह मामला कोर्ट में चले जाने से यह समस्या हो गई। इससे पहले 3 दिसंबर से जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल की थी, लेकिन चिकित्सा मंत्री की पहल पर उन्होंने 10 दिसंबर को हड़ताल समाप्त कर दी थी। जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि जो समय चिकित्सा मंत्री द्वारा दिया गया था, उस समय में नीट पीजी की काउंसलिंग पर निर्णय नहीं लिया जा सका है। वह इस बार अनिश्चित कालीन हड़ताल पर गए हैं।

हड़ताल से रुटीन ओपीडी से लेकर वार्ड में समस्याएं खड़ी हो गई

अंचल का सबसे बड़ा जयारोग्य हॉस्पिटल है। यहां अंचल सहित पड़ोसी राज्यों से भी लोग आते हैं। ऐसे में जूडा की हड़ताल जेएएच में मरीजों के लिए परेशानी बन गई है। हड़ताल से रुटीन ओपीडी से लेकर वार्ड में समस्याएं खड़ी हो गई है साथ ही इमरजेंसी सेवाएं जैसे ट्रॉमा और होने वाले ऑपरेशन में जूनियर डाक्टरों का विशेष योगदान रहता है, वहां भी समस्या हो गई है।। इमरजेंसी सेवाओं के साथ कुछ ऑपरेशन भी टाले गए हैं।