मैंने स्वेच्छा से छोड़ी कांग्रेस, वह एक हैंडपंप भी नहीं लगवा पायेंगे-इमरती देवी

ग्वालियर. मप्र उपचुनाव में बीजेपी को सबसे बड़ा मुद्दा देने वाली इमरती देवी स्वयं अपनी सीट डबरा नहीं बचा पाई। वह यहां से अपने समधी कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे से लगभग 8 हजार वोटों से हार गयी। उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि मैं हारी नहीं हूं, जीती हूं, सत्ता और सरकार मेरी है, वह एक हैंडपंप भी नहीं लगवा पायेंगे। विधायक निधि का सारा पैसा कोरोना फण्ड में चला गया, अब वह क्या खर्च कर पायेंगे।
इमरती देवी बोली शिवराज भाईसाहब, महाराज, नरेन्द्रसिंह तोमर मेरे हैं। सबके दिल में छाई हुई है इमरती देवी। सबने कहा है कि हम साथ हैं। मैं सुख और दुःख दोनों में सूखी रहती हूं। सत्ता और सरकार हमारी है। मैंने कार्यकर्त्ताओं को भी कहा हैकि दुःखी होने की जरूरत नहीं है। डबरा में बीजेपी को 30 हजार वोट मिलते थे और ऐसे में 60 हजार मत लेकर आई हूं। बीजेपी के मतों को दोगुना किया है। इमरती ने कहा है कि डबरा की जनता पर मेरा पूरा भरोसा आज भी है और कल भी रहेगा। मैं 2 वर्ष में सब संभाल लूंगी। इसके बाद फिर सू चुनाव लडूंगी। मैंने हार का सामना नहीं, बल्कि जीत का सामना किया है।
2013 में चुनाव मैदान में थे समधी और इमरती

इससे पूर्व वर्ष 2013 के चुनाव में दोनों पहली बार आमने सामने आये थे। तब बीजेपी से सुरेश राजे और इमरती देवी कांग्रेस से चुनवी मैदान में थी। इमरती ने राजे को हराया था और इसके बाद वर्ष 2018 में इमरती के सामने भाजपा के कप्तानसिंह मैदान में रहे। 2018 में ही इमरती देवी के विधायक रहते हुए सुरेश राजे बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद इमरती के भाजपा में जाने के बाद दोनों इस उपचुनाव में फिर आमने-सामने आ गये। भाजपा प्रत्याशी इमरती के भाई की बेटी की शादी सुरेश राजे के बड़े भाई के बेटे से हुई है इस रिश्ते से वह आपस में समधी भी हुए।

मैंने स्वेच्छा से छोड़ी कांग्रेस

कांग्रेस छोड़ने को लेकर उन्होंने कहा है कि अपनी खुशी से कांग्रेस छोड़ी थी। कमलनाथ जी ने क्षेत्र के विकास के लिये कोई सहयोग नहीं किया। इसलिये कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। इमरती देवी ने कहा कि मैं पहले भी जनता के साथ और आज भी हूं। जनता ने मेरा हमेशा साथ दिया है। इमरती देवी ने सुरेश राजे को लेकर कहा है कि वह जीत भले ही गये पर क्षेत्र में एक हैंण्डपंप तकम नहीं लगवा पायेंगे।