65% संक्रमित होम आइसोलेशन में, सिर्फ सांस की तकलीफ होने पर किए जा रहे भर्ती

कोरोना संक्रमण कम हाेने के साथ ही मरीजाें में काेराेना के लक्षण भी कम हाे गए हैं। अब ज्यादातर काे खांसी-जुकाम और बुखार ही आता है। सांस लेने में तकलीफ हाेने के केस कम हैं। यदि मरीज देरी से जांच कराता है या फिर वह पहले से गंभीर बीमारी से जूझ रहा है ताे ही सांस लेने में तकलीफ हाेती है। यही वजह है कि पिछले एक सप्ताह में संक्रमित मिले 65 फीसदी मरीज हाेम आइसोलेशन में हैं।
ऐसे लोग हॉस्पिटल में भर्ती होने की बजाय घर पर रहकर इलाज लेना अधिक पसंद कर रहे हैं। सरकारी रिकाॅर्ड के मुताबिक 20 से 26 अक्टूबर तक जिले में काेराेना के 254 नए संक्रमित मरीज मिले। इनमें सिर्फ 88 लोग ही हॉस्पिटल में भर्ती किए गए। इनमें भी 2 मरीज ऐसे हैं जो पहले होम आइसोलेशन में गए, लेकिन तबियत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। जबकि 161 घर में ही इलाज ले रहे हैं।
हाेम आइसोलेट मरीज को 3 दिन बुखार रहे तो भर्ती करेंगे
कोरोना संक्रमित को होम आइसोलेशन में यदि हल्का बुखार (100.2 डिग्री फारेनहाइट) लगातार तीन से अधिक है और सीटी चेस्ट कराने पर संक्रमण अधिक पाया जाता है तो उसे कोविड अस्पताल में भर्ती कराना होगा। मरीज को घर से अस्पताल लाने की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग ही करेगा। यह एडवाइजरी स्वास्थ्य विभाग की अपर संचालक डॉ.वीणा सिन्हा ने जारी की है।
केस-1 : गर्भवती हाेने के कारण अस्पताल में किया भर्ती
मोतीझील निवासी 28 वर्षीय गर्भवती महिला 17 अक्टूबर को कोरोना संक्रमित मिली थीं। इसके बाद वह होम क्वारेंटाइन हो गईं। 20 अक्टूबर को प्रसव पीड़ा हुई तो उन्हें सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया।
केस-2: पहले हाेम आइसोलेट हुए, बाद में ऑक्सीजन लेवल गिरा
मुरार निवासी 68 वर्षीय वृद्धा को 18 अक्टूबर को जांच में कोरोना होने की पुष्टि हुई। वे होम आइसोलेशन में चली गईं। रविवार को उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई और ऑक्सीजन लेवल गिर गया तब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।