प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया 'अटल भूजल योजना' का शुभारंभ, कहा- 2024 तक हर घर पहुंचेगा पानी

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने बुधवार को अटल भूजल योजनाकी शुरुआत की. करीब 6 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली यह योजना 8 हजार 350 गांवों में शुरू की गई है. इस योजना के तहत भूजल के स्तर को बेहतर बनाने की कोशिश की जाएगी. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री ने इस योजना की शुरुआत की. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि 'पानी का संकट विकास को भी प्रभावित करता है. यह घर, खेत और उद्योग को भी प्रभावित करता है.' उन्होंने कहा कि 'पानी का विषय अटल जी के लिए बहुत महत्वपूर्ण था, उनके हृदय के बहुत करीब था. अटल जल योजना हो या फिर जल जीवन मिशन से जुड़ी गाइडलाइंस, ये 2024 तक देश के हर घर तक जल पहुंचाने के संकल्प को सिद्ध करने में एक बड़ा कदम है.'

पीएम ने कहा कि 'पानी का ये संकट एक परिवार के रूप में, एक नागरिक के रूप में हमारे लिए चिंताजनक तो है ही साथ ही एक देश के रूप में भी ये विकास को प्रभावित करता है. न्यू इंडिया को हमें जल संकट की हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार करना है. इसके लिए हम पांच स्तर पर एक साथ काम कर रहे हैं.' उन्होंने कहा कि 'जल शक्ति मंत्रालय ने इस संकलित दृष्टिकोण से पानी को बाहर निकाला और व्यापक दृष्टिकोण को बल दिया. इसी मानसून में हमने देखा है कि समाज की तरफ से, जलशक्ति मंत्रालय की तरफ से  जल संरक्षण के लिए कैसे व्यापक प्रयास हुए हैं.'

अटल जल योजना का होगा ग्राउंड वॉटर पर ध्यान
पीएम ने कहा, 'एक तरफ जल जीवन मिशन है, जो हर घर तक पाइप से जल पहुंचाने का काम करेगा और दूसरी तरफ अटल जल योजना है, जो उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देगी जहां ग्राउंड वॉटर बहुत नीचे है.' पीएम ने कहा कि 'अटल जल योजना में इसलिए ये भी प्रावधान किया गया है कि जो ग्राम पंचायतें पानी के लिए बेहतरीन काम करेंगी, उन्हें और ज्यादा राशि दी जाएगी, ताकि वो और अच्छा काम कर सकें.' उन्होंने कहा, 'अटल भूजल योजना से महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात इन सात राज्यों के भूजल का उठाने में बहुत मदद मिलेगी.'कहा कि 'जो ग्रामीण आज यहां आए हैं और जो टेक्नोलॉजी के माध्यम से हमसे जुड़े हैं उनको बताना चाहता हूं अटल जल योजना में सबसे बड़ी जिम्मेदारी हम सब नागरिकों, किसानों की है. हम सब मिलकर जितना अच्छा काम करेंगे उससे गांव का भला तो होगा ही साथ ही ग्राम पंचायतों का भी भला होगा.'

उन्होंने कहा, ' इन सात राज्यों के 78 जिलों में 8,300 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में भूजल की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है. इसका बहुत बड़ा खामियाजा वहां के लोगों को उठाना पड़ता है. लोगों को इन दिक्कतों से मुक्ति मिले, जल स्तर में सुधार हो इसके लिए हमें जागरूकता अभियान चलाने होंगे.'

'जो ग्राम पंचायतें बेहतरीन काम करेंगी, उन्हें और ज्यादी राशि दी जाएगी'उन्होंने कहा कि 'अटल जल योजना में ये भी प्रावधान किया गया है कि जो ग्राम पंचायतें पानी के लिए बेहतरीन काम करेंगी, उन्हें और ज्यादी राशि दी जाएगी, ताकि वो और अच्छा काम कर सकें. आजादी के इतने वर्षों बाद भी आज देश के 3 करोड़ घरों में ही नल से जल पहुंचता है. सोचिए, 18 करोड़ ग्रामीण घरों में से सिर्फ 3 करोड़ घरों में नल से जल पहुंचा, 70 साल में इतना ही हो पाया था. अब हमें अगले 3 साल में 15 करोड़ घरों तक पीने का साफ पानी, पाइप से पहुंचाना.'

पीएम ने कहा, 'गांव की भागीदारी और साझेदारी की इस योजना में गांधी जी के ग्राम स्वराज की भी एक झलक है. पानी से जुड़ी योजनाएं हर गांव के स्तर पर वहां की स्थिति-परिस्थिति के अनुसार बनें, ये जल जीवन मिशन की गाइडलाइंस बनाते समय ध्यान रखा गया है.'