पुरातत्व संपदाओं से भरपूर हैं – धार्मिक परंपराओं एवं अन्य सामाजिक मान्यताओं के बारे मे समझाया, विष्णु मंदिर के जीर्णोद्वार शुरू

ग्वालियर जीवाजी विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व अध्ययनशाला के एमए. इतिहास, एमए. पुरातत्व एवं पीजी डिप्लोमा संग्रहालय विज्ञान के प्रथम सेमेस्टर के छात्रों को शैक्षणिक भ्रमण पर ग्वालियर चंबल अंचल के पुरातात्विक महत्व के स्थानों बटेसर, मितावलि, पड़ावली, ककनमठ(सिहोनिया) मे जीवाजी विश्वविद्यालय के पुरातत्व विभाग के विभागाध्यक्ष एवं सामाजिक विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष डॉ शांतिदेव सिसोदिया भी साथ मे थे ताकि छात्रों को उचित तरीके से तत्कालीन मंदिर स्थापत्य के बारे मे बताया जा सके
इस भ्रमण के दौरान डॉ शांतिदेव सिसोदिया ने छात्रों को इस क्षेत्र के ऐतिहासिक – धार्मिक परंपराओं एवं अन्य सामाजिक मान्यताओं के बारे मे समझाते हुए इन मंदिरो के शिल्पकला के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि तात्कालिक समय में राजायों एवं समाज का इन भव्य मंदिरों के निर्माण एवं उनके संचालन में कितना योगदान रहा होगा l बटेसर मे जहाँ छात्रों ने जाना की यह पूरा क्षेत्र प्राचीनकाल से ही शैव उपासना का एक प्रधान केंद्र रहा है और कैसे तत्कालीन राजवंश गुर्जर-प्रतिहार ने अपनी शिल्प प्रियता का परिचय देते हुए पूरे मध्य भारत को सुंदर एवं भव्य देवालयों से सुसज्जित किया ।
मितावली, पढ़ावली मे छात्रों को देश के दुर्लभ चौसठ योगिनी मन्दिर स्थापत्य की बारीकियो के साथ-साथ ही पूर्व मध्यकाल के जल निकासी व्यवस्था को भी समझाया। उन्होंने बताया की किस तरह आज से सदिओं पहले भी लोगों के पास उन्नत संसाधन थे।
इस भ्रमण के दौरान मंदिरों के साथ साथ ही डॉ सिसोदिया ने इन क्षेत्रों के भूगोल एवं पारिस्थितिकी के महत्व के बारे में भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया की यह पूरा क्षेत्र अवसादी चट्टानो का क्षेत्र है और इन्ही पत्थरों से यहाँ के यह सारे मंदिर बनाये गए हैं, साथ ही साथ इस क्षेत्र की स्थानीय वनस्पति एवं जीव जन्तुओं के बारे मे भी बताते हुए कहा कि इन वनस्पति एवं जीव जंतुओं का अंकन हमें इन मंदिरों में भी दिखाए देता है इससे सिद्ध होता है कि तत्कालीन समाज हमारे पर्यावरण के प्रति जागरूक था l उपरोक्त भ्रमण से छात्र/छात्राओं को शैधान्तिक ज्ञान के साथ व्यावहारिक एवं प्रायोगिक ज्ञान भी प्राप्त हुआ l
इस शैक्षणिक यात्रा में शोधार्थी राहुल कुमार, राहुल बरैया, वैभव शर्मा, समिन खान, राजकुमार गोखले, प्रिया सुमन, पूर्णिमा यादव एवं छात्र/छात्रायों में धर्मेंद्र, अनन्या, शिवम, हर्षिता, लावन्या आदि के साथ ३८ छात्र/ छात्राएँ उपस्थित थे।