पुलिस जवान को गोली मारकर लूटने वाले एक बदमाश को दबोचा, लुटेरे शिवपुरी में CCTV में कैद हुए, 3 बदमाशों की तलाश मे जुटी पुलिस

ग्वालियर. पुलिस आरक्षक को गोली मारकर लूटपाट करने वाले बदमाशों का तरीका पूरी तरह मुरैना की गैंग का लग रहा था। लेकिन पुलिस ने जब हाइवे पर छानबीन की तो लूटपाट करने वाले शिवपुरी के नरवर में सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गये। इसके बा शुक्रवार की देर रात पुलिस ने शिवपुरी के मगरौनी से एक बदमाश राजाबाबू सिंह गुर्जर को पकड़ लिया है। अब पुलिस फरार 3 बदमाशों की तलाश में दविश दे रही है। लुटेरों की तलाश में क्राइम ब्रांच सहित 7 पुलिस टीम लगी हुई है।
आपको बता दें क बीमार पिता को देखने के लिये इन्दौर से मुरैना आ रहे पुलिस जवान प्रमोद त्यागी से 4 बदमाशों ने बाइक, 3 हजार रूपये की नगदी के साथ ही मोबाइल लूटा था। जब जवान ने उनका विरोध किया तो आरोपियों ने जवान को गोली मार दी थी। मामले का पता उस वक्त चला जब वहां से निकल रहे पूर्व विधायक सत्यपाल सिकरबार उर्फ नीटू की नजर सड़क पर घायल हालत में मदद मांगते जवान पर पड़ी । उन्होंने तत्काल गाड़ी रोकी और एसपी को घटना की सूचना देने के साथ ही घायल जवान को इलाज के लिये अस्पताल पहुंचाया। समय पर हॉस्पिटल पहुंचाने के चलते पुलिस जवान सुरक्षित है। घटना के बाद से पुलिस बदमाशों की तलाश में लगी है।
सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए बदमाश
ग्वालियर में लूट करने वाले बदमाशों की तलाश में पुलिस ने ग्वालियर से शिवपुरी और मुरैना रूट पर सभी सीसीटीवी कैमरे खंगाले हैं। शिवुपरी के नरवर में बदमाशों के फुटेज मिले हैं। जिसके बाद बदमाशों की गैंग की पहचान हो गयी है। शुक्रवार की देर रात पुलिस ने एक लुटेरा राजाबाबू गुर्जर निवासी मगरौनी शिवपुरी को मगरौनी से दबोचा है। अब इसके 3 साथियों की तलाश की जा रही है।
क्राइम ब्रांच की 7 टीमें जुटी
मामले की गंभीरता को देखते हुए रात में ही एसएसपी धर्मवीर सिंह और अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल में जुट गये है। मामले की जांच के लिये एसएसपी ने 7 टीमें मोहना, घाटीगांव, बेलगढ़ा, करहिया, आंतरी और भंवरपुरा के साथ ही क्राइम ब्रांच को लगाया है। कुछ ठिकानों पर पुलिस टीमों को लुटेरों के फुटेज भी मिले है। जिनके आधार पुलिस टीम फरार बदमाशों की नरवर व मगरौनी शिवपुरी में सर्चिंग कर रही है।
हाईवे मोबाइल है पांच साल से बंद
हाईवे पर शाम से सुबह तक गश्त करने के लिए हाईवे मोबाइल पुलिस लाइन से निकलती थी, जिससे हाईवे पर लूट व अन्य घटनाओं में कमी रहती थी, लेकिन पिछले पांच साल यह हाईवे मोबाइल बंद है। अब हाईवे की जिम्मेदारी संबंधित थानों की है। लेकिन थानों पर अन्य दबाव होने के चलते हाईवे पर अब गश्त में कमी होती है, जिससे बदमाश सक्रिय है।