ग्वालियर से चलने वाली इन ट्रेनों में लगेंगे हाईटेक CCTV कैमरे

ग्वालियर. ग्वालियर से बनकर चलने वाली ट्रेनों में सुरक्षा की दृष्टि से हाइटेक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसमें प्राथमिक रूप से ग्वालियर-बरौनी मेल, बुंदेलखंड एक्सप्रेस, रतलाम इंटरसिटी, ग्वालियर-भोपाल इंटरसिटी, सुशासन एक्सप्रेस, ग्वालियर-कोलकाता एक्सप्रेस, ग्वालियर-अहमदाबाद एक्सप्रेस, ग्वालियर-पुणे एक्सप्रेस को शामिल किया गया है। ट्रेनों में आपराधिक घटनाएं रोकने के लिए रेलवे बोर्ड ने 74 हजार से अधिक कोचों में ये हाईटेक सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया था, जिसके क्रम में अगले छह माह के अंदर इन ट्रेनों में ये कैमरे इंस्टाल कर दिए जाएंगे।
यात्रियों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए फैसला किया
ये कैमरे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस होंगे और यात्रियों के मूवमेंट पर घूम भी सकेंगे। उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) ने यात्रियों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए अपने तीनों मंडलों प्रयागराज, झांसी और आगरा से संचालित ट्रेनों के कोचों में हाईटेक सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया है। इसमें 895 लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) और 887 इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) कोचों में ये कैमरे लगाए जाएंगे। फर्स्ट एसी, सेकंड एसी, थर्ड एसी और एसी चेयर कार कोच में चार-चार कैमरे, जबकि स्लीपर, जनरल, पेंट्रीकार और एसएलआर कोच में छह-छह कैमरे लगाए जाएंगे।
क्या है कैमरे की खासियत
ये कैमरे 100 किमी प्रति घंटे से ज्यादा रफ्तार पर भी साफ वीडियो रिकॉर्ड करेंगे और इन कैमरों की फुटेज कम रोशनी में भी हाई क्वालिटी की रहेगी। ये कैमरे विशेष रूप से कोच के चारों गेट और कॉरिडोर की तरफ एंगल फिक्स कर लगाए जाएंगे। इनके कंट्रोल रूम उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज स्थित मुख्यालय के साथ ही झांसी और आगरा स्थित डीआरएम कार्यालयों में भी तैयार किए जाएंगे।
ये होंगे कैमरे से लाभ
संदिग्ध लोगों की निगरानी करना आसान होगा। सर्दी का मौसम आते ही एसी कोचों के अंदर चोरी की वारदातें बढ़ जाती हैं। इसका कारण है कि सर्दी के मौसम में लोग ठंड से बचने के लिए कंबल ओढ़े रहते हैं और कई लोग मुंह तक ढंक लेते हैं। ऐसे में लैपटाप व मोबाइल के साथ ही लोगों का अन्य कीमती सामान शातिर चोरों के निशाने पर रहता है। इसके अलावा कई बार विवाद की घटनाएं भी सामने आती हैं। ऐसी घटनाओं में सीसीटीवी कैमरों की फुटेज साक्ष्य के तौर पर इस्तेमाल की जा सकती हैं। किसी विवाद की स्थिति में न्यायालय में भी ये फुटेज काम आती हैं।