एलिवेटेड कॉरिडोर में 135 हार्वेस्टिंग प्वॉइंट बनाये जायेंगे, भू-जल स्तर बढ़ेगा

ग्वालियर. लगातार गिर रहे जलस्तर को बढ़ाने के लिये स्वर्ण रेखा नदी में सीमेंट क्रांकीट का फलोर होने के साथ सीवर नेटवर्क भी है। जिससे 2 तरह की समस्या आती है। पहली-जमीन के नीचे वर्षा का पानी नहीं पहुंच पाता है तो दूसरी तरफ सीवर लीकेज की वजह से पानी प्रदूषित हो जाता है। ऐसे में एलिवेटेड कॉरिडोर की छत (एलिवेटेड फ्लोर का पानी) पानी सीधे जमीन के अंदर जाना आवश्यक है।
इसलिये गिरवाई रोड से लेकर शर्मा फॉर्म रोड तक तैयार किये जा रहे एलिवेटेड रोड पर वाटर हार्वेस्टिंग लाइन से पानी भू-गर्भ में पहुंचने की तैयारी है। पीडब्ल्यूडी एवं अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ स्वर्ण रेखा में रीचार्जजिंग क्षमता की जांच की। इसमें पाया गया है कि 400 लीटर पानी गड्डे में जमीन ने महज आधे घंटे में पानी सोख लिया है। जबकि इसे लगभग 1 घंटे का समय लगता है। स्वर्ण रेखा में 20 एमएम वर्षा होने पर 31 लाख 10 हजार लीटर पानी सहेजने की तैयारी की जा रही है।
पानी बचाने के लिये 135 बनाये जायेंगे जिससे 50 नीचे उतरेगा पानी
स्वर्णरेखा की प्यास बुझाने के लिये एलिवेटेड रोड में प्रत्येक 100 मीटर पर वाटर हार्वेस्ंिग सिस्टम तैयार किया जायेगा। इस 13.5 किमी लम्बी एलिवेटेड रोड में 135 बनाये जायेंगे। प्रत्येक प्वॉइंट के पाइप को बोरवेल गड्ढे में जमीन के भीतर 50 फीट गइहराई तक उतारा जायेगा। जिससे वर्षा पानी सीधे जमीन के अंदर जायेगा। इस वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिये 67 लाख 50 हजार रूपये का खर्च आयेगा।