बंगाल में 25000 शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने पर रोक

पश्चिम बंगाल. बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने 22 अप्रैल के फैसले में पश्चिम बंगाल के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25753 शिक्षकों व गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य घोषित कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के कथित भर्ती घोटाले को व्यवस्थगत धोखाधडी करार देते हुए कहा कि अधिकारियों की जिम्मेदारी थी कि वे 25753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति से संबंधित डिजिटल रिकॉर्ड संभाल कर रखते है। व्यवस्था पर से जनता का विश्वास उठ जाने पर कुछ बाकी नहीं रहता।
जनता का विश्वास उठ गया तो कुछ भी नहीं बचेगा
प्रधान न्यायाधीश ने राज्य सरकार की ओर से पेश वकीलों से कहा कि सरकारी नौकरियां बहुत कम है। अगर जनता का विश्वास उठ गया तो कुछ भी नहीं बचेगा। यह व्यवस्थागत धोखाधडी है। सरकारी नौकरियां आज बहुत कम है और उन्हें सामाजिक विकास के रूप में देखा जाता है। अगर नियुक्तियों पर भी सवाल उठने लगें तो व्यवस्था में क्या बचेगा। लोगों का विश्वास खत्म हो जाएगा और आप इसे कैसे स्वीकार कर सकते है। पीठ ने कहा कि राज्य सरकार के पास यह दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है कि उसके अधिकारियों ने डेटा संभाल कर रखा है। पीठ ने डेटा की उपलब्धता के बारे में भी पूछा।