श्रीलंका में आक्रोशित जनता का हंगामा जारी, विक्रमसिंघे ने फिर लगाई इमरजेंसी

कोलंबो. आर्थिक और राजनीतिक संकट से घिरे श्रीलंका में हालात तेजी से खराब हो रहे हैं. गोटबया राजपक्षे के इस्तीफे के बाद भी लोगों का आक्रोश कम नहीं हो रहा है. वे हिंसक प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं. ऐसे में कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने सोमवार को देश में स्टेट इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गोटबया राजपक्षे के देश छोड़कर भागने से आक्रोशित जनता अब नई मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही है. प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति पद को खत्म करके व्यवस्था में बदलाव लाने तक संघर्ष जारी रखने की बात कर रहे हैं. पिछले दिनों प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन में घुस आए थे. वहीं, संसद भवन और पीएम हाउस का घेराव किया था. जबकि रानिल विक्रमसिंघे का निजी घर प्रदर्शकारियों ने जला दिया था.

इस बीच आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका के लोगों के लिए बेहद राहत देने वाली खबर सामने आ रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीलंका की सरकारी कंपनी सीलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (सीपीसी) ने रविवार को डीजल और पेट्रोल की खुदरा कीमतों में कमी की है. फरवरी के बाद पांच बार बढ़ोतरी के बाद ईंधन की कीमतों में यह पहली कमी है.
20 रुपये की कमी की गई
श्रीलंका में डीजल और पेट्रोल की खुदरा कीमतों में प्रत्येक में 20 रुपये की कमी की गई है. दोनों को मई के अंत में 50 और 60 रुपये बढ़ाया गया था. इसके साथ ही इंडियन ऑयल कंपनी के स्थानीय संचालन वाली कंपनी लंका इंडियन ऑयल कंपनी ने भी कहा कि वे भी ईंधन की कीमतों में कमी करेंगे.

ईंधन की कतारों में हिंसा की कई घटनाएं सामने आई
श्रीलंका में 27 जून से सरकार ने ईंधन की आपूर्ति बंद कर दी थी और केवल आवश्यक सेवाओं के लिए ही पेट्रोल-डीजल की अनुमति है. वहीं, पेट्रोल-डीजल स्टेशनों के पास कई मील लंबी ईंधन कतारें देखी जा सकती हैं. ईंधन की कतारों में हिंसा की कई घटनाएं सामने आई हैं और ईंधन की कतारों में लगातार कई दिन बिताने के बाद लगभग 20 लोगों की मौत हो गई है.