260 मौतों का मुकदमा अटका, अमेरिकी शटडाउन ने रोकी FAA जांच

अमेरिका शटडाउन की वजह से सरकारी फंड रुक गया है. इसकी वजह से अहमदाबाद में एयर इंडिया के बोइंग 787-8 क्रैश हो गया था. इस शटडाउन की वजह से 260 लोगों की मौत की जांच कर रही एफएए ने अपनी ‘इन्क्वायरी’ को रोक दिया है. अदालत में मुकदमा दायर करने की प्रक्रिया ठप पड़ गई है. 125 से ज्यादा पीड़ित परिवारों की पैरवी कर रही अमेरिकी लॉ फर्म बीस्ले एलन ने बताया कि 1 अक्टूबर से शुरू हुए अमेरिकी सरकारी शटडाउन ने फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) से डेटा मिलने में देरी कर दी है.
फर्म के प्रिंसिपल अटॉर्नी माइकल एंड्रूज ने द इंडियन एक्सप्रेस को वॉट्सऐप पर बताया, ‘शटडाउन की वजह से FAA का कोई जवाब नहीं आ रहा. हमने 13 अगस्त को फ्रीडम ऑफ इन्फॉर्मेशन एक्ट के तहत कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (CVR), फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR), इंजन टीयरडाउन रिपोर्ट, फोटो-वीडियो मांगे थे, लेकिन सब अटका है.’
किसकी गलती
क्रैश में पूर्व गुजरात सीएम विजय रूपाणी सहित 241 यात्री और 19 जमीन पर लोग मारे गए थे. सिर्फ ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश बचे थे. प्लेन टेकऑफ के 90 सेकंड बाद मेघानी नगर के बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल में घुसा था. AAIB की अंतरिम रिपोर्ट (12 जुलाई) में ‘टेकऑफ के तुरंत बाद फ्यूल कटऑफ’ का जिक्र है, लेकिन पायलटों को दोषी ठहराने पर एंड्रूज बोले, ‘बोइंग 787 ऑटोमेटेड है, कंप्यूटर कमांड से सिस्टम फेल हो सकता है. CVR पूरा रिलीज नहीं हुआ, इससे पायलटों पर अनुचित आरोप लग रहे हैं.’

दुबई में बसे सैयद इम्तियाज अली ने भाई, भाभी और दो बच्चों को खोया है. इस हादसे पर वे बोले, ‘दर्द कम नहीं होगा, लेकिन हम इंतजार करेंगे. एक साल से ज्यादा लगेगा, हम तैयार हैं.’ एक अन्य परिवार ने कहा, ‘हमें बताया गया था कि ऐसे केस में 2-3 साल लगते हैं. हम जवाबदेही चाहते हैं.’
एयर इंडिया के CEO कैंपबेल विल्सन ने 29 अक्टूबर को एविएशन इंडिया समिट में क्रैश को विनाशकारी बताया था. कर्मचारियों को लिखे मैसेज में कहा, ‘AAIB रिपोर्ट से शुरुआती स्पष्टता मिली, लेकिन जांच अभी लंबी है.’ एयरलाइन ने 500 करोड़ का मुआवजा पैकेज घोषित किया, लेकिन मुकदमे की धमकी से शेयर 8% गिरे.