सऊदी, UAE समेत हमास के खिलाफ उतरे 22 मुस्लिम देश, अरब लीग ने हथियार डालने की दी चेतावनी

दीर अल बलाह: इजरायल हमास युद्ध में एक बड़ा मोड़ आया है. 22 अरब देशों की सदस्यता वाली अरब लीग ने हमास के खिलाफ एकजुट होकर ऐसा रुख अपनाया है, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया था. न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र की बैठक में मंगलवार को पारित इस घोषणापत्र में साफ-साफ कहा गया है- ‘गाजा में युद्ध खत्म करने के लिए हमास को सत्ता छोड़नी होगी, हथियार डालने होंगे और बंधकों को रिहा करना होगा.’ इस अप्रत्याशित लेकिन निर्णायक रुख को यूरोपीय संघ के सभी 27 सदस्य देशों और 17 अन्य राष्ट्रों का भी समर्थन मिला है. प्रस्ताव में कहा गया है कि गाजा में शांति बहाली के लिए फिलस्तीन अथॉरिटी को हमास के स्थान पर शासन सौंपा जाए और इस प्रक्रिया में संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में एक अस्थायी अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण मिशन की तैनाती हो. इस संयुक्त घोषणापत्र में हमास के 7 अक्टूबर को इस्राइल पर किए गए आतंकी हमले की भी सख्त निंदा की गई है, जिसे गाजा में मौजूदा भीषण युद्ध की वजह माना जाता है. यह वो कदम है, जिसे अब तक अरब देश खुलकर उठाने से बचते रहे थे.
अमेरिकी दूत जाएंगे गाजा: गाजा पट्टी में मानवीय संकट दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है. इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और अमेरिकी राजदूत माइक हकाबी इजरायल पहुंचे हैं. शुक्रवार को दोनों गाजा में राहत वितरण का जायजा लेंगे.
खाने की रेस में 91 की मौत: इस बीच गुरुवार को गाजा के दीर अल-बलाह शहर से एक और दिल दहलाने वाली खबर सामने आई. खाने-पीने के सामान के इंतजार में जुटे दर्जनों फिलस्तीनियों की जान चली गई. बीते 24 घंटे में कम से कम 91 लोग मारे गए और 600 से ज्यादा घायल हो गए हैं. इस भयावह स्थिति के बीच अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों की राजनयिक हलचल भी तेज हो गई है.
दूसरों का निवाला छीन रहे लोग: गुरुवार को गाजा के ज़ावैदा शहर में आसमान से गिरे खाने के पैकेट्स के लिए लोग ऐसे टूट पड़े जैसे जिंदगी और मौत का फैसला उसी थैले में बंद हो. जबरदस्त भगदड़ में ईसलाम अल-तलबानी नाम की महिला को किसी ने काट खाया, उनके हाथ से तेल और आटे का थैला छिन गया. फूट-फूटकर रोतीं ईसलाम ने कहा, ‘बच्चों ने दुआ की थी कि खाना लेकर लौटूं… वो दो दिन से भूखे हैं.’ एक और व्यक्ति अहमद अल-खतीब ने बताया कि उनके हाथ से आटे का थैला कोई छीन ले गया और इस संघर्ष में उनका दांत टूट गया. इसी तरह राना अतिया नाम की महिला ने कहा कि उन्हें ‘गिरते हुए खाने के लिए दौड़ना’ अपमानजनक लगता है. उन्होंने कहा, ‘इस तरह मदद नहीं चाहिए… हमें इंसान समझा जाए.’