ग्वालियर में जूनियर डाक्टरों हड़ताल से चरमराई जेएएच की व्यवस्थाएं

ग्वालियर. जूनियर डाक्टरों की हड़ताल के चलते जेएएच की व्यवस्थाएं लड़खड़ा गईं। अस्पताल पहुंचे मरीजों की ना तो जांचें हुईं न ही उनके अल्ट्रासाउंड हो सके। जूनियर डाक्टरों की हड़ताल के चलते विभिन्न वार्डों में भर्ती मरीजों की परेशानी भी बढ़ गई है। वहीं कई मरीज आधा-अधूरा इलाज कराए ही अस्पताल से छुट्टी लेकर दूसरे अस्पतालों में जा रहे हैं। नीट पीजी काउंसलिंग न होने को लेकर जूनियर डाक्टर गुरूवार को भी हड़ताल पर रहे। जूनियर डाक्टरों के नहीं होने से ओपीडी में मरीजों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं।

बीमारियों से पीड़ित मरीज बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंच रहे हैं।अस्पताल में डाक्टरों की कमी ने मरीजों की परेशानी बढ़ा दी है। ओपीडी में आने वाले मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। जूडा अध्यक्ष डा. श्रीकांत शर्मा का कहना है कि नोन अकेडमिक जेआर यदि शासन उपलब्ध करा देती है तो हम सभी हड़ताल वापस ले लेंगे। हालांकि जूडा का दल सीएमई से भोपाल में मिला जिन्होंने नोन अकेडमिक जेएआर उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। गौरतलब है कि पीजी डाक्टरों का नया बैच नहीं आने और जूनियर डाक्टरों की कमी होने के कारण जूनियर डाक्टर के राष्ट्रीय संघ फोर्डा के आह्वान पर सोमवार से जीआरएमसी में पदस्थ ढाई सौ से अधिक जूनियर डाक्टर हड़ताल पर हैं। डाक्टरों के हड़ताल पर रहने से गुरूवार को होने वाले रूटीन परेशन ऑपरेशन भी टाल दिए गए। हालांकि अस्पताल में इमरजेंसी में होने वाले ऑपरेशन चल रहे हैं।