जानिए अमृत वाली खीर के हेल्थ बेनिफिट्स

अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा या रास पूर्णिमा कहते हैं। माना जाता है कि इस रात को चंद्रमा की किरणों से सुधा झरती है। ये तो आप सभी जानते होंगे कि शरद पूनो के दिन चावल से बनी खीर को रात में चांद के नीचे रखा जाता है और सुबह इसका प्रसाद बनाकर खाया जाता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है, इसलिए इस खीर को चंद्रमा की रोशनी में आधे घंटे के लिए रखा जाता। हालांकि इस खीर को खाने के बहुत फायदे हैं, लेकिन आपको ये नहीं पता होगी कि इस खीर का सेवन करने से रोगी को भी निरोगी काया मिलती है। तो चलिए बताते हैं कि इस अमृत वाली खीर से कौन कौन से बीमारियां दूर होती हैं।


अमृत वाली खीर" से कौन-कौन से रोग होते हैं दूर-
दमा रोगियों के लिए वरदान है अमृत वाली खीर-
कहते हैं शरद पूनो की रात दमा रोगियों के लिए वरदान बनकर आती है। इस रात में दिव्य औषधि को खीर में मिलाकर उसे चांदनी रात में रखकर सुबह 4 बजे खायी जाए, तो इससे बहुत फायदा मिलता है। रात जागरण के बाद दमा मरीज को दवाई खाने के बाद पैदल जरूर चलना चाहिए। वहीं इस अमृत वाली खीर का सेवन करने से दमा की बीमारी दूर हो जाती हैं।

कफ रोगियों के लिए कैसे फायदेमंद है अमृत वाली खीर-
कफ रोगियों के लिए भी ये खीर खाना बेहद फायदेमंद साबित होता है। कफ दोष के कारण होने वाली सभी तकलीफों से बेहद राहत मिलती है। माना जाता है कि रातभर जागरण करने से सर्दी-खांसी कफ की परेशानी से काफी आराम मिलता है।

डायबिटीज रोगी को कैसे आराम देती है खीर-
इस खीर को डायबिटीज रोगी भी खा सकते हैं। बल्कि उनकी लिए ये खीर किसी वरदान से कम नहीं है। माना जाता है कि इस खीर का सेवन करने से मधुमेह से पीडि़त मरीजों को स्वास्थ्य लाभ होता है। हां लेकिन , मरीजों को इस बात का ध्यान रखना है कि इसमें मिश्री का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। बल्कि इसकी जगह चाहें तो नेचुरल स्वीटनर स्टीविया की पत्तियों को मिला दें।


आम व्यक्ति की सेहत के लिए कैसे फायदेमंद होगी-
इस खीर को आम व्यक्ति भी ले सकता है। इसका सेवन करने से साइनोसइटिस जैसे आंख, नाक और कान से संबंधित बीमारियां दूर होती हैं। इसलिए शरद पूर्णिमा को पूनम की चांदनी का सेहत के परिपेक्ष्य में पूरा लाभ उठाएं और खुद को स्वस्थ बनाएं।