1000 करोड़ की जमीन से दो मैरिज गार्डन और 150 दुकानें हटाईं, कब्जे के लिए हारा हुआ केस फिर खुलवाना होगा

इंदौर. कनाड़िया रोड पर सीलिंग की 38 एकड़ जमीन पर बने पटेल परिवार के प्रेम-बंधन गार्डन, रिवाज गार्डन सहित 150 से ज्यादा दुकानें शुक्रवार को जमींदोज कर दी गईं। शुक्रवार तड़के 5 बजे शुरू हुई कार्रवाई पांच घंटे चली। प्रशासन का दावा है कि जमीन की कीमत 1000 करोड़ है। हालांकि कार्रवाई के बाद भी प्रशासन जमीन का कब्जा नहीं ले पाएगा, क्योंकि वह सुप्रीम कोर्ट में यह केस हार चुका है। अधिकारियों ने समय पर कोर्ट में जवाब ही पेश नहीं किए, जिसके कारण पटेल परिवार के पक्ष में एकतरफा फैसले होते रहे।

कार्रवाई के लिए एडीएम, अपर आयुक्त, दो एएसपी, सीएसपी, चार थानों के बल के साथ 100 का पुलिस बल, 250 निगमकर्मियों की फौज तैनात की गई थी। सबसे पहले प्रेम-बंधन और रिवाज गार्डन के निर्माण तोड़े गए। कार्रवाई का पता चलते ही सोहराब पटेल व यूनुस पटेल के परिजन ने दुकानदारों को सामान हटाने के लिए बुला लिया। हंगामे की स्थिति बनने पर पुलिस ने कनाड़िया रोड के टर्न से मित्रबंधु नगर तक पूरी रोड ब्लॉक कर दी। इस बारे में कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है कि जमीन सीलिंग में है। कानूनी पक्ष कोर्ट में मजबूती से रखा जाएगा। अभी राजस्व विभाग में जमीन सरकारी ही है,अब यहां कब्जा नहीं होने देंगे।

कब्जा नहीं ले पाए

यह जमीन 1993 में सीलिंग में आई। प्रशासन ने 1996 में कब्जा लेने का आदेश दिया। 1999 में कब्जा ले भी लिया, लेकिन इस बीच 1997 में भूस्वामी की मृत्यु हो गई। इसे आधार बनाकर भूस्वामी की संतान कोर्ट चली गई। उन्होंने दावा किया कि जमीन हमारी है। वे केस जीत गए। 2007 में पटेल परिवार सत्र न्यायालय में भी केस जीत गया, क्योंकि प्रशासन ने समय पर अपील ही नहीं की। 2016-17 में हाई कोर्ट और 2021 में सुप्रीम कोर्ट में भी प्रशासन हार गया क्योंकि समय पर अपील ही नहीं की गई। इन 28 वर्षों में 14 कलेक्टर आए और चले गए, कोई कब्जा नहीं ले पाया। अब सरपंच सहित 7 पर एफआईआर- उधर, देर शाम प्रशासन ने सीलिंग की जमीन पर गार्डन बनाने की इजाजत देने वाले तत्कालीन कनाड़िया सरपंच नारायणसिंह ठाकुर के अलावा पटेल परिवार के 6 लोगों पर केस दर्ज कराया है। इनमें वली मोहम्मद, अहमद नूर, बाबू पटेल, नबीबख्श, रुस्तम और सिकंदर शामिल है। इन पर धारा 420, 467, 468,471 एवं 120बी में धोखाधड़ी व फर्जी दस्तावेज से अवैध निर्माण के आरोप में केस दर्ज किया गया है।

व्यापारी भड़के

प्रशासन की कार्रवाई से पटेल परिवार की जमीन पर दुकान चलाने वाले व्यापारी भड़क उठे। उनका कहना था, इतने साल क्या प्रशासन सो रहा था। शिवा चाइनीस के मुकुल ने बताया पिछले चार साल से 35 हजार रुपए प्रति माह का किराया नूर पटेल को दे रहे थे। बिना नोटिस कार्रवाई की। श्रीराम स्टोन के मुकेश गुप्ता ने बताया 2008 से 60 हजार रुपए किराया यूनुस पटेल को दे रहे थे। प्रशासन नोटिस दे देता तो हम सामान तो हटा लेते। कोरोना में पहले ही बर्बाद हो चुके थे।