भारतीय महिला हॉकी टीम सेमीफाइनल हारी, पर मेडल की उम्मीद अब भी बाकी, जीत सकती है ब्रॉन्ज

नई दिल्ली. ओलंपिक सेमीफाइनल में पहली बार खेल रही भारतीय महिला हॉकी टीम (Indian Womens Hockey Team) का गोल्ड का सपना टूट गया. अर्जेंटीना की टीम ने बेहद कड़े मुकाबले में भारत को सेमीफाइनल में 2-1 से मात दी. हालांकि महिला हॉकी टीम ओलंपिक इतिहास (Tokyo Olympics 2020) में अब भी अपना पहला पदक जीत सकती है. तीसरे स्थान और कांस्य पदक के लिए भारतीय टीम का मुकाबला अब ब्रिटेन से होगा. पहले सेमीफाइनल में जर्मनी की टीम ने ब्रिटेन को 5-1 से बड़े अंतर से हराया.

भारतीय महिला हॉकी टीम ने सेमीफाइनल मुकाबले में शानदार शुरुआत की. भारत की तरफ से गुरजीत कौर ने दूसरे मिनट में ही शानदार गोल से खाता खोला. गुरजीत ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करने में कोई गलती नहीं की. पहले क्वार्टर में भारतीय टीम ने पूरी तरह दबदबा बनाए रखा और 1-0 से आगे रही. हालांकि दूसरे क्वार्टर में भारतीय टीम अपनी लय बरकरार नहीं रख सकी. अर्जेंटीना ने वापसी करते हुए 18वें मिनट में बराबरी का गोल दाग दिया. अर्जेंटीना की तरफ से कप्तान मारिया नियोल बारिवेउवो ने गोल किया. हालांकि दूसरे क्वार्टर में भारत को तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन टीम उसे भुना नहीं पाई. दूसरा क्वार्टर 1-1 से बराबर रहा.

तीसरे क्वार्टर के 36वें मिनट में मारिया नियोल बारिवेउवो ने अपना और टीम का दूसरा गोल किया. इसी के साथ दुनिया की दूसरी नंबर की टीम अर्जेंटीना ने मैच में 2-1 की बढ़त हासिल कर ली है. यह बढ़त आखिरकार निर्णायक साबित हुई. भारतीय टीम तीसरे और चौथे क्वार्टर में एक भी गोल नहीं कर सकी.

महिला हॉकी टीम पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची थी. 1980 के मॉस्को ओलंपिक में भारतीय टीम चौथे स्थान पर रही थी. वहीं भारतीय पुरुष हॉकी टीम के पास भी कांस्य पदक जीतने का मौका है. पुरुष हॉकी टीम गुरुवार (5 अगस्त) को तीसरे स्थान के लिए जर्मनी से भिड़ेगी. पुरुष हॉकी टीम ने अपना आखिरी पदक मॉस्को ओलंपिक 1980 में स्वर्ण पदक के रूप में जीता था.