एससी-एसटी एक्ट: लोकतांत्रिक तरीके से होगा जोरदार विरोध

ग्वालियर। एससी-एसटी एक्ट के विरोध में पूरे अंचल में सोमवार को माहौल गरम रहा। आंदोलन से जुड़े लोग 4 सितंबर को वीरांगना के समाधि स्थल के सामने मैदान नंबर-3 में होने वाले स्वाभिमान सम्मेलन व रैली की तैयारियों में जुटे रहे। वहीं एसपी नवनीत भसीन ने आंदोलन में खुलकर सामने आये सवर्ण समाज के नेताओं से कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए सीधा संवाद किया। एसपी ने साफ शब्दों में कहा कि विरोध करने का सभी का लोकतंत्रिक अधिकार है, लेकिन अगर किसी ने तोड़फोड़ व लॉ-इनऑर्डर की स्थिति बिगाड़ने की कोशिश की तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जवाब में आंदोलनकारियों ने भी दो टूक कहा कि 2 अप्रैल की हिंसा प्रशासन की चूक के कारण हुई। हमने उस समय भी संयम बरता था, प्रशासन निश्चिंत रहे, अब भी लोकतंत्रिक मर्यादाओं के अनुरूप अपना विरोध प्रकट करेंगे। एसपी ने कोचिंग संचालकों से छात्रों को आंदोलन से दूर रखने की अपील, लेकिन कुछ संचालकों ने आंदोलन का खुलकर समर्थन करने की बात कही। एसपी ऑफिस के नवीन पुलिस कंट्रोल रूम के सभागार में एसपी नवनीत भसीन ने आंदोलन से जुड़े नेताओं से चर्चा करते हुए कहा कि यह शहर आपका है, कानून व्यवस्था को बनाये रखने की जिम्मेदारी हम सबकी है, इसलिए रैली व सम्मेलन में कोई ऐसी बात नहीं हो, जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़े।

उन्होंने बताया कि शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं, निगरानी की पूरी व्यवस्था रहेगी। अगर किसी ने तोड़फोड़ व शांतिभंग करने की हरकत की तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि 6 सितंबर को बंद के आह्वान के लिए अब तक कोई संगठन सामने नहीं आया है। समर्थन करने वाले संगठनों के नाम जरूर हैं। जबरन बंद नहीं करने दिया जाएगा। वहीं सोमवार शाम को पुलिस ने शहर के प्रमुख मार्गों पर फ्लेग मार्च निकाला।

बैठक के दौरान एसपी भसीन के समक्ष डॉ. तरुण शर्मा का कहना था कि वह स्वयं एससी-एसटी एक्ट और आरक्षण व्यवस्था का विरोध करते हैं। छात्रों को आंदोलन से भाग लेने से नहीं रोक सकते। क्लास में छात्रों से बात नहीं कर सकते: कमेस्ट्री पढ़ाने वाले गिरीश चतुर्वेदी का कहना था कि वह क्लास में इस तरह की बात नहीं कर सकते हैं, क्योंकि हमारे यहां सभी समाजों के बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं।