जेएएच अस्पताल में डॉ. देवेन्द्र सहित पीएसएम विभाग में काम करने वाली महिला कर्मचारी की कोरोना से मौत

जयारोग्य अस्पताल के सबसे युवा डॉक्टर की मंगलवार सुबह कोरोना से मौत हो गई। डॉक्टर 6 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव आया था तब से अस्पताल में ही उसका उपचार चल रहा था। इसके साथ ही अस्पताल के पीएसएम विभाग में काम करने वाली डॉ. अपेक्षा भाले ने भी मंगलवार सुबह कोरोना की वजह से दम तोड़ दिया।

ग्वालियर में कोरोना का प्रकोप अब कम हो रहा है लेकिन इसकी दूसरी लहर की चपेट में सामान्य लोगों के साथ डॉक्टर भी आए है और इन्हीं में जेएएच की माधव डिस्पेंसरी में केज्युल्टी प्रभारी 35 वर्षीय देवेन्द्र सिघार भी कोरोना की चपेट में आ गए। डॉ. सिघार 6 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव आए थे इसके बाद से उनका जेएएच की सुपर स्पेशिलिटी में ही उपचार चल रहा था लेकिन लगातार इलाज चलने के बाद भी डॉ. सिघार कोरोना संक्रमण से उबर नहीं पाए। संक्रमण उनके फेंफड़ों तक पहुंच गया और मंगलवार सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया।

जेएएच अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार डॉ. सिघार ने वैक्सीनेशन नहीं कराया था यही वजह रही कि कोरोना ने उनके लंग्स को अपनी चपेट में ले लिया। डॉ. सिघार मालवा क्षेत्र के रहने वाले थे और अभी उनकी शादी भी नहीं हुई थी। सबसे युवा डॉक्टर की मौतः अस्पताल के डॉक्टरों की मानें तो डॉ. सिघार अस्पताल में सबसे युवा डॉक्टर थे और माधव डिस्पेंसरी के रूम नंबर 8 में बैठते थे साथ ही वे कैज्युल्टी प्रभारी भी थे।
वहीं जेएएच अस्पताल के पीएसएम विभाग में काम करने वाली 56 वर्षीय डॉ. अपेक्षा भाले भी कोरोना संक्रमित थी और आईसीयू में भर्ती थी। अपेक्षा ने भी मंगलवार सुबह दम तोड़ दिया।