विदेशी पटाखों पर प्रतिबंध, बेचने पर रद्द होगा लाइसेंस; चुनाव के कारण चार दिन दबाकर रखा था आदेश

मध्य प्रदेश में विदेशी पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। केंद्र के आदेश के बाद गृह विभाग ने कलेक्टरों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। साथ ही, 125 डेसिबल से ज्यादा आवाज़ के उपयोग पर भी पाबंदी लगाई गई है। आदेश में कलेक्टरों को कहा गया है कि वह पटाखा बाजार पहुंचकर जांच कराएं। अगर कोई विदेशी पटाखे बेचते मिले, तो उसका लाइसेंस रद्द किया जाए।
दिवाली पर पटाखा बाजार पूरी तरह से सज कर तैयार है। इस बीच राज्य सरकार में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया है। यदि कोई भी व्यापारी विदेशी पटाखे बेचते हुए पकड़ा गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए तत्काल लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। आदेश के मुताबिक किसी भी दुकान पर केवल मेड इन इंडिया पटाखे और आतिशबाजी ही बेची जाएगी।
कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कहा कि दुकानदारों को निर्देश दिया गया है कि कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन हो और बिना मास्क वाले व्यक्तियों को पटाखा विक्रय ना हो। अस्थाई पटाखा दुकानों को इस प्रकार से लगवाया जाए कि संक्रमण से बचा जा सके। कलेक्टर ने कहा है कि जिले में भी विदेशी पटाखों के विक्रय पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया जाएगा। इसके लिए सभी पटाखा विक्रेताओं को सूचना दे दी गई है।
आत्मनिर्भरता पर जोर
दरअसल, दिवाली के समय बाजार में ज्यादातर चीनी पटाखों की भरमार रहती है। यह पटाखे पर्यावरण के लिए भी नुकसान दायक होते हैं। इनसे ध्वनि और वायु प्रदूषण की संभावना अधिक होती है, लेकिन अब जब देश में आत्मनिर्भर होने और स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देने पर जोर हैं, ऐसे में भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों को विदेशी पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर निर्देश जारी किए थे। इसे लेकर प्रदेश केे गृह मंत्रालय ने सख्त रुख अपनाया है। इसी के चलते विदेशी पटाखों की बिक्री प्रतिबंधित कर दिया है। इसके लिए गृह सचिव ने सभी जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी कर दिया है।
आदेश में कहा गया...
पटाखा व्यापारी 125 डेसिबल से अधिक आवाज वाले पटाखे पर पाबंदी।
किसी व्यापारी के पास 125 डेसिबल से अधिक आवाज वाले पटाखे मिले तो पुलिस और जिला प्रशासन उन दुकान को तत्काल सील करें।
ब्रांडेड कंपनी के पटाखे ही व्यापारी बेचें।
पीसीबी पटाखों से हो रहे प्रदूषण की जांच करें।
गृह विभाग ने चार दिन आदेश को दबाकर रखा
बताया जा रहा है कि गृह विभाग का ये आदेश चार दिन पहले निकला था, लेकिन इसे उपचुनाव को देखते जारी नहीं किया गया था। अब मतदान होने के बाद इसे जारी कर दिया गया है। इसके पहले राजस्थान सरकार अपने यहां पर पटाखों पर प्रतिबंध लगा चुकी है, जिसके खिलाफ पटाखा एसोसिएशन और व्यापारी हाईकोर्ट चले गए थे। इस मामले में सुनवाई होनी है।
वहीं, कोरोना काल में पटाखों पर बैन के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर मांग की है कि पटाखों के कारण प्रदूषण बढ़ेगा और कोरोना के मरीजों को इससे खतरा बढ़ सकता है, इसलिए पटाखों की बिक्री पर रोक लगाएं।