छठपूजा-निज्रला व्रत कर ही महिलाओं ने डूबते सूर्य अर्घ्य दिया गुरूवार की सुबह उगते सूर्य अर्घ्य देकर होगा व्रत पूर्ण

ग्वालियर. छठव्रत महापर्व पर भोजपुरी समाज की महिलाओं ने बुधवार को अस्त होते SURY को अर्घ्य देकर पति के दीर्घायु और समृद्धि की कामना की। कई घरों में रातभर जागरण हुआ। SURY अघर्य देने के लिये कटोराताल में बड़ी संख्या महिलायें-पुरूष और बच्चे मौजूद रहे। गुरूवार को उगते हुए SURY को अर्घ्य देने के बाद महिलायें 36 घंटे का उपवास खोलेंगी। कटोराताल के अलावा दीनदयाल नगर समेत शहर में 12 से अधिक अस्थाई घाटों पर श्रद्धालु महिलाओं ने डूबते SURY को अर्घ्य दिया।

उल्लेखनीय है कि 8 नवम्बर को नहाये-खाये की रस्म के साथ छठ महापर्व की शुरूआत हुई थी। व्रती महिलाये गुरूवार की सुबह उगते SURY को अर्घ्य देने के बाद 36 घंटे के निर्जला व्रत का धारण करेंगी।

छठव्रतियों के घाट बनाया जायेगा

सब कुछ ठीक रहा और छठमैया की कृपा रही तो लश्कर क्षेत्र के छठव्रतियों के लिये भी तालाब और घाट बनाये जायेंगे। यह बात ग्वालियर पूर्व विधायक डॉ. सतीश सिकरबार ने सावरकर सरोवर (कटोराताल) के छोटे कुण्ड में आयोजित छठ पूजन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही है। अध्यक्षता आईपीएस आलोकसिंह ने की तथा संचालक बच्चन बिहारी ने किया।

अस्थायी घाटों पर उमड़ी भीड़

कटोराताल और दीनदयाल नगर सहित सभी अस्थायी घाटों पर व्रती महिलाएं शाम 4 बजे से पहुंच गईं थीं और अर्घ्य देने से पहले छठ मैया की पूजा शुरू कर दी थी। एक सूप में पूजा का सामान लेकर पुरुष अपने सिर पर रखकर आगे-आगे चल रहे थे, उनके पीछे महिलाएं और परिवार के अन्य लोग भजन गाते हुए चल रहे थे। सूप में केला, नारियल, गन्ना, कच्ची हल्दी, पिसे हुए चावल के अलावा अन्य सामग्री थी। अस्थायी घाट पर पूजा के बाद महिलाओं ने अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर पति की लंबी उम्र और समृद्धि मांगी।