प्रधानमंत्री मोदी ने ‘‘अटल टनल’’ का उद्घाटन किया, टनल मनाली को लेह-लद्दाख तक 12 माह कनेक्टिविटी की सुविधा

मनाली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज समुद्र तल से लगभग 10000 हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर बनी विश्व की सबसे लंबी 9.02 किमी की अटल टनल रोहतांग को देश को समर्पित किया। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर और हिमाचल प्रदेा के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी उपस्थित थे।

पीएम मोदी ने शुभारंभ समारोह के बाद अटल टनल से नॉर्थ पोर्टल के लिए रवाना हुए, इस दौरान टनल के नीचे बनाई गई आपातकालीन टनल का निरीक्षण भी किया। उन्होंने लाहुल स्पिति जिले में टनल के दूसरे छोर नॉर्थ पोर्टल पहुंचने के बाद बस को हरी झंडी दिखाई, इस बस में 14 बुर्जर्गों ने सफर किया। इसके बाद पीएम मोदी ने बीआरओ को सुझाव दिया कि 1500 ऐसे लोगों को चिंहित करें जो अपना अनुभव लिखें, इसमें मजदूरों और इंजीनियरों को शामिल करें। उन्होंने शिक्षा मंत्रालय से आग्रह किया कि तकनीकी शिक्षा से जुड़े स्टूडेंट्स से इस टनल की केस स्टडी करवाएं इससे दुनिया को हमारी ताकत की जानकारी होना चाहिए।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि यह मेरा सौभाग्य है जो अटल टनल के लोकार्पण का अवसर मिला है। बतौर भाजपा प्रभारी मेरा हिमाचल से गहरा नाता रहा है। तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल हमेशा प्रधानमंत्री अटल जी से सुरंग निर्माण का आग्रह करते थे और बाद में यह प्रोजेक्ट उनका सपना बन गया। आज अटल की का यह सपना पूरा हो गया सिर्फ अटल जी ही नहीं हिमाचल प्रदेश के करोड़ों लोगों का सपना पूरा हो गया। अटल सरकार के जाते ही टनल के काम को भूला दिया गया, 2013 तक इसका काम धीमी गति से होगा रहा यदि उसी गति से काम चलते तो काम पूरा होने में दो दशक और लगते।

ये लाभ होगा

80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सुरंग से गुजर सकेंगे वाहन।
3000 वाहन प्रतिदिन हो सकेंगे आर-पार।
2 किलोमीटर के बाद वाहन मोड़ने की सुविधा।
500 मीटर की दूरी पर इमरजेंसी निकास द्वार।
1 किलोमीटर के बाद लगेगा ट्रैफिक इंटेंसिटी डिटेक्शन सिस्टम।
हिमस्खलन से बचने के लिए स्नो गैलरी का निर्माण।
चीन सीमा तक आसानी से पहुंच सकेंगे सैन्य वाहन व रसद।
46 किलोमीटर कम होगी मनाली से लेह की दूरी।
25 रुपये में सिस्सू से मनाली पहुंचेंगी आलू की बोरी, पहले 70 रुपये लगता था भाड़ा।
एक दिन में ऊना से तांदी पहुंचेंगे रसोई गैस सिलेंडर, पहले लगते थे दो दिन।