बेंगलुरु: क्षेत्रीय चैनल का प्रसारण बंद, सीएम के परिवार के खिलाफ करप्शन से जुड़ा दिखाया था स्टिंग

बेंगलुरु से प्रसारित होने वाले एक क्षेत्रीय समाचार चैनल का प्रसारण रोक दिया गया है. इस चैनल ने एक स्टिंग ऑपरेशन से जुड़ा ऑडियो क्लिप प्रसारित किया था. इस क्लिप में कथित रूप से आरोप लगाया गया था कि मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के परिवारवाले भ्रष्टाचार में शामिल हैं.
सोमवार को बेंगलुरु पुलिस ने इस चैनल के मैनेजिंग डायरेक्टर के आवास और न्यूज चैनल के दफ्तर पर छापा मारा. बेंगलुरु पुलिस ने इसके लिए अदालत से सर्च वारंट हासिल किया था.
क्षेत्रीय चैनल का प्रसारण रुका
चैनल के मुख्य संपादक ने फेसबुक लाइव के जरिए बताया कि सोमवार रात से चैनल का प्रसारण रुक गया है कि क्योंकि पुलिस ने चैनल के दफ्तर से कम्प्यूटर और दूसरे उपकरण जब्त कर लिए हैं.
चैनल के खिलाफ दर्ज कराई थी शिकायत
पुलिस ने ये छापा तब मारा जब चैनल के मैनेजिंग डायरेक्टर के खिलाफ केपी अग्रहा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई थी. शिकायतकर्ता चंद्रकांत रामलिंगम ने अपनी शिकायत में कहा कि वह रामलिंगम कंस्ट्रक्शन का डायरेक्टर है, उसकी मुलाकात चैनल के एमडी से उसके ऑफिस में हुई थी. शिकायत के मुताबिक एमडी ने उसे कहा कि राजनीतिक गलियारों में उसकी अच्छी पकड़ है और उसकी पहुंच भारत के गृह मंत्री तक है और वह सरकार में फंसे उसकी कंपनी के पैसे निकलवा दे सकता है.
चैनल पर कमीशन मांगने का आरोप
शिकायतकर्ता ने कहा, "रामलिंगम कंस्ट्रक्शन को सरकारी काम के लिए 140 करोड़ रुपये मिलने थे. अगस्त में कंपनी को 7.7 करोड़ सरकार की ओर से मिले. न्यूज चैनल के एमडी ने मुझे फोन किया और कहा कि मेरी वजह से आपको पैसे मिले हैं और आपको मुझे 5 फीसदी कमीशन देना पड़ेगा. मुझे धमकी दी गई कि अगर मैं रकम का भुगतान नहीं किया तो मुझे बदनाम कर दिया जाएगा. 28 अगस्त को मैंने चैनल के एमडी को 25 लाख रुपये दिए. लेकिन 26 सितंबर को चैनल ने मेरे नाम का इस्तेमाल किया और सीएम के परिवार के साथ मेरा नाम जोड़ते हुए कार्यक्रम चलाया."
सीएम का कदम शर्मनाक-कांग्रेस
पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 506, 120B, 465, 384 और 419 के तहत केस दर्ज कर लिया. हाल ही में कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सीएम येदियुरप्पा पर हमला किया और आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री का परिवार भ्रष्टाचार में शामिल है. कांग्रेस नेता दिनेश गुंडू राव ने कहा कि ये कर्नाटक सीएम का शर्मनाक कदम है. सीएम को कानूनी रूप से जवाब देना चाहिए था लेकिन वो पुलिस का इस्तेमाल कर चैनल को बंद कर रहे हैं.
इधर मुख्यमंत्री के बेटे और परिवार ने निचली अदालत से इस स्टिंग को न दिखाने से जुड़ा आदेश पारित करवा लिया है.