प्याज निर्यात बैन के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे महाराष्ट्र के किसान

प्याज निर्यात पर लगी रोक के खिलाफ महाराष्ट्र के किसान आज प्रदर्शन करेंगे. किसानों के अलावा कांग्रेस भी प्रदर्शन करेगी. दरअसल, सरकार ने सोमवार को प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है. यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. देश के कई हिस्सों में बारिश और बाढ़ से प्याज की आपूर्ति चेन में व्यवधान आया था और इसकी कीमतें फिर बढ़ने लगी थीं.

बैन के कारण पोर्ट पर कुल 712 कंटेनर प्याज को लेकर असमंजस बरकरार है. इन कंटेनर 1 किलो से लेकर 50 किलो की पैकिंग में प्याज है. अब एक्सपोर्टर चिंतित हैं कि प्याज एक्स्पोर्ट पर बैन लगने से पहले शिपमेंट किए गए प्याज का क्या होगा. एक कंटेनर का मूल्य 8-10 लाख है. अगर कंटेनर नहीं गए तो यह नुकसान एक्सपोर्टर को होगा.

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय की ओर से सोमवार को जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, प्याज की सभी वेरायटी के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है. अधिसूचना में कहा गया है कि ट्रांजिशनल एग्रीमेंट के प्रावधान इस अधिसूचना के तहत लागू नहीं होगा.

जानकार बताते हैं कि कोरोना काल में अप्रैल से जुलाई के दौरान प्याज का निर्यात पिछले साल के मुकाबले करीब 30 फीसदी ज्यादा हुआ, जिससे देश में प्याज की आपूर्ति में आगे कमी की आशंका से दाम में इजाफा हुआ है क्योंकि दक्षिण भारत में भारी बारिश के कारण प्याज की फसल खराब हो गई है.

किसान नाराज, स्थानीय व्यापारी खुश

आजादपुर मंडी पोटैटो ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन यानी पोमा के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा ने कहा कि निर्यात प्रतिबंध अच्छा फैसला है. इससे प्याज के दाम में वृद्धि पर विराम लगेगा. दक्षिण भारत में प्याज की फसल खराब होने से आपूर्ति में कमी का संकट बना हुआ है, इसलिए सरकार को निर्यात पर प्रतिबंध के साथ-साथ आयात करने पर भी विचार करना चाहिए.