DUSIB ने रेलवे को लिखा पत्र, पहले रहने की व्यवस्था करें फिर हटाई जाएं झुग्गी-बस्तियां
दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) ने रेल की पटरियों के किनारे बनी झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने के आदेश को लेकर रेलवे को पत्र लिखा है, साथ ही कहा कि यहां रह रहे लोगों के रहने के लिए दूसरा इंतजाम किए बगैर उन्हें हटाया नहीं जा सकता. उनके रहने के लिए आसपास ही कोई व्यवस्था करा दी जाए.
DUSIB ने रेलवे को लिखे अपने पत्र में कहा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) (दूसरा संशोधन) अधिनियम 2014 और दिल्ली स्लम एंड JJ रिहैबिलिटेशन एंड रीलोकेशन पॉलिसी 2015 के तहत रेलवे की जमीन पर बनी झुग्गियां संरक्षित हैं, यहां रहने वाले लोगों के लिए कोई दूसरा रहने का इंतजाम किए बिना नहीं हटाया जा सकता इसलिए बिना वैकल्पिक इंतजाम इनकी झुग्गियां ना तोड़ें.
DUSIB दिल्ली में अलग-अलग जगह पर 45,857 फ्लैट बना रही है जो मार्च 2021 से लेकर दिसंबर 2021 तक रेडी टू मूव इन हो जाएंगे.
वैकल्पिक व्यवस्था DUSIB की पॉलिसी
DUSIB ने अपने पत्र में लिखा कि DUSIB की पॉलिसी है कि अगर कहीं झुग्गी झोपड़ी हटाई जाती है तो वहां रह रहे लोगों को रहने का वैकल्पिक इंतजाम दिया जाए. चाहे उसी जमीन पर या फिर आसपास में 5 किलोमीटर दायरे में कहीं हो. जरूरत पड़ने पर 5 किलोमीटर से ज़्यादा की दूरी पर भी इंतजाम किया जा सकता है.
पत्र में कहा गया कि हमारी पॉलिसी में इस बात का भी प्रावधान है कि अगर झुग्गी झोपड़ी केंद्र सरकार की एजेंसी जैसे रेलवे, दिल्ली विकास प्राधिकरण, एनडीएमसी, दिल्ली कैंट बोर्ड और अन्य ऐसी एजेंसियों की जमीन पर हैं तो ये एजेंसी या झुग्गी झोपड़ी को उस जगह से शिफ्ट कहीं और शिफ़्ट कर सकती हैं या उनके पुनर्वास की व्यवस्था खुद कर सकती हैं या फिर दिल्ली सरकार या दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) को यह काम दे सकती हैं.
DUSIB ने कहा कि पॉलिसी में यह भी कहा गया है कि इन ज़मीनों की मालिक एजेंसी अगर DUSIB के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव लाती है और DUSIB बोर्ड उसको मंजूर करता है तो जमीन की मालिक एजेंसी DUSIB को एडवांस पेमेंट करेगी."
1. वैकल्पिक मकान या फ्लैट कंस्ट्रक्शन का खर्च
2. जमीन की कीमत (इंस्टीट्यूशनल रेट जिस पर DUSIB ने जमीन खरीदी)
3. कॉस्ट ऑफ रीलोकेशन (7.55 लाख-11.30 लाख प्रति फ्लैट तक)
बोर्ड ने कहा कि हमारे संज्ञान में आया है कि रेलवे ने दिल्ली में कुछ झुग्गी तोड़ने के लिए नोटिस चिपकाए हैं. रेलवे जिन झुग्गियों को तोड़ना चाह रही है वो कानून के तहत संरक्षित हैं. यहां रहे रहे लोग दिल्ली स्लम एंड JJ रिहैबिलिटेशन एंड रीलोकेशन पॉलिसी 2015 के तहत वैकल्पिक आवंटन के हकदार हैं.
पहले झुग्गियां तोड़ी न जाएं
पत्र में कहा गया कि आपसे निवेदन है कि दूसरी जगह रहने का इंतजाम किए बिना रेलवे की जमीन पर बनी झुग्गियां तोड़ी नहीं जा सकती. दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड ने रेलवे को बताया कि उसके पास इस समय 45,857 फ्लैट्स हैं, जो मार्च 2021 से लेकर दिसंबर 2021 तक तैयार हो जाएंगे.
इस बीच आम आदमी पार्टी नेता राघव चड्ढा ने कहा कि इस चिट्ठी में केजरीवाल सरकार ने केंद्र में बैठी बीजेपी सरकार को यहां तक कहा है कि हर व्यक्ति को पक्का मकान दो और यदि आप पक्का मकान नहीं दे सकते तो केजरीवाल सरकार सब को पक्का मकान देगी साथ ही साथ एक सूची भी इस चिट्ठी में संलग्न करके केंद्र सरकार को दी है जिसमें 45,857 घरों का जिक्र किया गया है कि इतने फ्लैट्स दिल्ली सरकार के पास हैं अगर आप नहीं दे सकते झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों को मकान तो हम देने को तैयार हैं. यह इन्हीं के मकान हैं, इन्हीं के लिए बनाए गए हैं.