दिल्ली नगर निगम ने रोका काम, केजरीवाल सरकार पर लगाया फंड रोकने का आरोप

दिल्ली में पिछले दो दिन से हर रोज ढाई हजार से ज्यादा कोरोना के मरीज सामने आ रहे हैं. वहीं कोरोना की लड़ाई में सैनिटाइजेशन, स्कूलों में राशन बांटने और कोरोना के बायोमेडिकल कचरे को साफ करने वाले निगम के करीब लाखों कर्मियो ने काम रोक दिया है. सभी निगम मुख्यालय पर धरना दे रहे हैं. तीनों एमसीडी के प्रमुख एसोसिएशन/यूनियन सैलरी की मांग में जुट गए हैं. धरने के संयोजक एपी खान ने बताया कि सभी ग्रुप ए, बी, सी, डी और पेंशनभोगी कर्मचारियों को पिछले पांच महीनों से तनख्वाह और पेंशन नहीं मिली है.

वहीं नॉर्थ दिल्ली नगर मिगम के मेयर जय प्रकाश ने कहा कि लाखों निगमकर्मी कोरोना काल में सैनिटाइजेशन, साफ- सफाई के काम में जुटे हैं, वहीं दिल्ली सरकार उनका पैसा रोककर बैठी है.

मेयर जय प्रकाश ने कहा कि पहली तिमाही में दिल्ली सरकार को 556 करोड़, दूसरी तिमाही का 1045 मिलाकर कुल 1600 करोड़ देना है. जबकि दिल्ली सरकार ने निगम को सिर्फ 400 करोड़ ही दिए हैं. लेकिन दिल्ली सरकार, निगम के 1200 करोड़ रुपये की फाइल पर आलती-पालती मारकर बैठी है. दिल्ली सरकार ने अंतरिम बजट पेश करके उत्तरी दिल्ली नगर मिगम को 2 हजार 22 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया था.

वहीं दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी के नेता विपक्ष विकास गोयल ने बताया कि दिल्ली सरकार ने निगम का कोई पैसा नहीं रोका है. पहली तिमाही का पूरा पैसा दिया जा चुका है. दूसरी तिमाही का भी जल्द ही दे दिया जाएगा. दिल्ली सरकार ने निगम को अब तक समय से पैसा दिया है. इसके अलावा उन्होंने दिल्ली सरकार से 3800 करोड़ का लोन भी लिया है. जिसका ब्याज भी नहीं दिया है. खुद निगमों का इंटरनल रेवेन्यू अकेले 18 हजार करोड़ का है. वो पैसा कहां जाता है? सारा करप्शन की भेंट चढ़ रहा है.

हालांकि मेयर जय प्रकाश का कहना है कि आम आदमी पार्टी के नेता का काम ही आरोप लगाना और भाग जाना है. उन्होंने कहा कि ये आम आदमी पार्टी नहीं बल्कि आरोप आदमी पार्टी है.