बड़े मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले का खुलासा, IT ने दो बिल्डर्स के ठिकानों पर की छापेमारी
आयकर विभाग ने मध्य प्रदेश में एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले का खुलासा किया है. केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने बताया कि उन्होंने रेड के दौरान 105 करोड़ की बेनामी प्रॉपर्टी का खुलासा किया है. ये सभी प्रॉपर्टी, खेती और अन्य नाम पर जमा किए गए थे. आईटी विभाग के 150 से अधिक अधिकारियों और अन्य कर्मियों ने गुरुवार को इन बिल्डरों से जुड़े 20 ठिकानों पर छापा मारा और सैकड़ों करोड़ रुपए की 100 बेनामी संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज बरामद किए.
छापेमारी के दौरान आयकर विभाग को प्रॉपर्टी पेपर्स के अलावा 1.8 करोड़ रुपये के ज्वेलरी और कैश भी बरामद हुए हैं. जिन बिल्डर्स के यहां छापेमारी की गई है, उनके नाम राघवेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गुप्ता है. राघवेंद्र सिंह तोमर फेथ बिल्डर्स कंपनी का मालिक है. जबकि पीयूष गुप्ता, चूड़ी वाला है. गुप्ता पांच साल पहले तक भोपाल के ओल्ड सिटी इलाके में चूड़ियों की दुकान चलाता था. आयकर विभाग ने बताया कि पीयूष गुप्ता ने कई संपति अपनी दुकान में काम करने वाले स्टाफ के नाम से ले रखे थे. वहीं फेथ बिल्डर्स के भोपाल में कई प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं. इसके अलावा वो रातीबड़ इलाके में रेजिडेंशियल क्रिकेट एकेडमी भी चला रहा था. आयकर विभाग के टॉप सूत्र के मुताबिक गुरुवार को अच्छी तैयारी करने के बाद ये छापे मारे गए.
छापे मारने गईं आईटी विभाग की टीमों ने खास सतर्कता बरती. छापे मारने के लिए ये टीमें जिन गाड़ियों में गईं, उन पर लिखा था- ‘मध्य प्रदेश हेल्थ डिपार्टमेंट कोविड-19 टीम वेलकम्स यू’ (मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग कोविड-19 टीम आपका स्वागत करती है). ये सब इसलिए किया गया कि जहां छापे मारे जाने थे, उन्हें ऐसे ही लगे कि कोरोना महामारी के खिलाफ हेल्थवर्कर्स की ओर से कोई मुहिम चलाई जा रही है. प्रवर्तन निदेशालय ने आयकर विभाग के पास ये मामला नवंबर 2019 में भेजा था. प्रवर्तन निदेशालय ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स को एक पत्र लिखा था. जिसकी प्रति आजतक/इंडिया टुडे के पास भी मौजूद है.
आयकर विभाग सूत्रों ने 357 एकड़ जमीन, सात फ्लैट, छह मकान, चार डुप्लेक्स, दो होटल, दो शॉपिंग मॉल्स, चार दुकानें और दो हॉस्टल्स से जुड़े दस्तावेज छापों के दौरान बरामद किए गए. आईटी विभाग के एक सूत्र ने कहा, "इनमें से अधिकांश संपत्तियां उन कर्मचारियों के नाम पर पंजीकृत हैं जो प्रति माह 15,000 रुपये से कम कमाते हैं."